-कहा, पश्चिमी देशों में मंदी की आशंका से देश में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में बढ़े मौके
नई दिल्ली (हि.स)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने भारतीय उद्योग से वैश्विक विनिर्माण को भारत लाने की रणनीति बनाने का आह्वान किया है। सीतारमण ने कहा कि वह पश्चिम में मंदी की आशंका के बीच ऐसी रणनीति बनाए जिससे विकसित देशों में परिचालन कर रही कंपनियां भारत को एक उत्पादन या खरीद केंद्र के रूप में देख सकें।
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की 95वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और सालाना सम्मेलन में यह बात कही। सीतारमण ने कहा कि भारत ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए काफी सुविधाएं देने के साथ नियमों में बदलाव भी किया है। हम उन उद्योगों से भी जुड़ रहे हैं, जो भारत आना चाहते हैं।
सीतारमण ने कहा कि पश्चिम में लंबे समय से चली आ रही मंदी ने कंपनियों को भारतीय बाजार की ओर आकर्षित किया है। भारत को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के नए अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए यह सबसे अच्छा समय है। उन्होंने उद्योग जगत से स्टार्टअप इकाइयों के नवोन्मेषण को देखने और उन्हें बढ़ाने के तरीकों पर विचार करने को भी कहा।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत विनिर्माण और सेवाओं के नए क्षेत्रों पर ध्यान देता रहेगा। दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बदलाव की ओर है, ऐसे में घरेलू उद्योग को विकसित देशों द्वारा ऊंचे शुल्क का सामना करना पड़ सकता है। सीतारमण ने कहा कि संभावित मंदी का असर यूरोप पर भी पड़ेगा। इसका सिर्फ भारतीय कंपनियों के निर्यात पर असर नहीं होगा।
सीतारमण ने उद्योग जगत से कहा कि वह सरकार को बताए कि जलवायु परिवर्तन उन्हें कैसे प्रभावित कर रहा है। इसके साथ ही वे उनकी लागत पर पड़ रहे बोझ को कम करने के उपाय भी सुझाएं। वित्त मंत्री ने आगामी बजट पर कहा कि यह अगले 25 साल के लिए भारत को तैयार करने के पिछले कुछ बजट की भावनाओं के अनुरूप होगा।