
श्रीगंगानगर में शादी के पंद्रह दिन बाद दुल्हन उसे शादी में दिए गए पैसे और गहने लेकर घर से भाग गई। दुल्हन घर से डेढ़ लाख रुपए कैश और चार तोला सोना लेकर भागी है। महिला के पति ने अब पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। पीड़ित का आरोप है कि महिला ने मुझसे शादी करने के बाद जून-जुलाई में दो शादी और की है और तीसरी शादी करने की तैयारी कर रही है।
जीजा के दोस्त ने दिखाई लड़की
अब हनुमानगढ़ के गांव किशनपुरा उतराधा के कृष्णलाल ने संगरिया थाने में मामला दर्ज करवाया है। जिसमें बताया कि हरियाणा के चौटाला निवासी सोहनलाल पुत्र चंदन सिंह और साथी उसके पास शादी का प्रस्ताव लेकर आए थे। सोहनलाल पीड़ित दुल्हे के जीजा के दोस्त हैं। जिन्होंने श्रीगंगानगर में राजविंद्र कौर से मिलवाया। इस मुलाकात के दौरान मौके पर बिंद्र कौर, करण और खान भी मौजूद थे। तीनों ने राजविंद्र कौर को श्रीगंगानगर जिले के मटीली राठान के चक 15 एफ प्रथम का निवासी बताया। तब राजविंद्र कौर ने अपने पहले पति राजनसिंह की मौत होने के बारे में बताया। रिश्ता पसंद आया तो कृष्णपाल ने शादी के लिए हां कर दी।
100 रुपए के स्टांप पर हुआ इकरारनामा
कृष्णलाल ने बताया कि राजविंद्र कौर से उसकी शादी 23 अप्रैल को हुई। 100 रुपए के स्टांप पर सहमति पत्र तैयार कर शादी कर ली गई। दुल्हे और उसके परिवार का विश्वास और पक्का हो गया। रस्म के तौर पर दुल्हन को चार तोला सोने के गहनों के साथ डेढ़ लाख रुपए कैश और एक आठ हजार रुपए का स्मार्टफोन दिया। पंद्रह दिन बाद राजविंद्र कौर बिना बताए कहीं चली गई। जब घरवालों ने अलमारी को चेक किया तो गहने और कैश गायब मिला।
कृष्णलाल ने इसकी सूचना शादी का प्रस्ताव लाने वाले जीजा के दोस्त सोहनलाल को दी। सोहनलाल और कृष्णलाल के जीजा दुलीचंद ने पता लगाया तो राजविंद्र के बिंद्र कौर, करण और खान के साथ श्रीगंगानगर में होने की सूचना मिली। जब कृष्णलाल उसे लेने गया तो राजविंद्र कौर को उसके साथियों ने भेजने से इनकार कर दिया। मामले को लेकर पंचायत भी बुलाई गई, लेकिन राजविंद्र कौर और उसके साथ शामिल लोग नहीं पहुंचे।दो शादियां और रचाई, तीसरी की भी तैयारी
कृष्णलाल ने बताया कि उसे पता चला था कि राजविंद्र कौर ने ऐसे ही झांसे में लेकर जून और जुलाई में दो शादियां रचा ली हैं। तीसरी शादी की तैयारी में है। उसने हमानगढ़ कोर्ट से स्टांप पेपर तैयार भी करवा लिए हैं। कृष्णलाल का आरोप है कि राजविंद्र कौर और उसके साथियों का पूरा गिरोह है, जो लोगों को झांसे में लेकर रुपए ठगने का काम करता है।
बनाती थी कई बहाने, स्टांप में नहीं किया रुपए और गहनों का जिक्र
कृष्णलाल ने बताया कि राजविंद्र कौर आरोपी करण को कभी सगा भाई तो कभी धर्म भाई बताती थी। पीहर के बारे में पूछने पर कभी श्रीगंगानगर बताती और मूल रूप से अमृतसर तो कभी मलोट बताती थी। वहीं शादी के लिए बनाए गए स्टांप में दिए गए रुपए और गहने का कहीं उल्लेख नहीं किया। राजविंद्र कौर ने हमेशा यही कहा कि उसका सगा भाई मलोट में है। वह इस शादी से खुश नहीं है। ऐसे में वह मिलते ही उसे गोली मार देगा। इस कारण कृष्णलाल कभी राजविंद्र कौर के भाई से नहीं मिला।कृष्णलाल ने बताया कि राजविंद्र कौर ने अपने आधार कार्ड की मूल कॉपी भी नहीं दी। उसने कहा आधार कार्ड कहीं जमा करवाया हुआ है। राजविंद्र जब घर से आखिरी बार निकली तो उसने घर में मौजूद कृष्णलाल की मां और दादी को बातों में उलझा लिया। संगरिया थाने के सीआई विजय मीणा ने बताया कि इस मामले में रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपियों की तलाश की जा रही है।














