शिल्पा शेट्टी दूसरी बार बनी माँ, बेटी की जन्म से खुश, जाने क्या है इस ख़ुशी के पीछे का राज

राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी ने बॉलीवुड के हॉट कपल के रूप में देखे जाते है जिनका फिटनेस जगत से इनका काफी गहरा रिश्ता देखने को मिलता है. इनका एक बेटा है विहान , शिल्पा शेट्टी सोशल मीडिया के जरिये अपने फैंस को अपने लाइफ से जुड़े अपडेट्स देती है और आज उन्होंने एक अपडेट दिया जिसे सुन इनके फैंस खुश भी है और शॉक भी , जी हाँ शिल्पा शेट्टी कुंद्रा दूसरी बार माँ बनी है और उन्होंने बेटी को जन्म दिया है। अपनी इस ख़ुशी का इजहार करते हुई शिल्पा शेट्टी ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर किया है जिसमे उन्होंने अपनी बेटी का नाम समिशा बताया है। आपको बता दे इस बार शिल्पा शेट्टी ने सेरोगेसी के जरिये बच्ची को जन्म दिया है , करण जौहर , तुषार कपूर और एकता कपूर ने सिंगल पेरेंट्स बनने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया वही आमिर खान, शाहरुख़ खान के बाद शिल्पा शेट्टी ने भी इस तक्नीक का इस्तेमाल किया है , इसलिए आज हम आपके साथ सांझा करने जा रहे है इसके बारे में आइये जानते है  …..

सरोगेसी की टेक्निक उन लोगो के लिए बनाई गयी है जिन लोगो को खुद के बच्चे पैदा करने में मुश्किलें आती है | कभी किसी को बच्चे को जन्म देने में कठिनाई आती है , तो कभी बार-बार गर्भपात हो रहा हो या फिर या बार-बार आईवीएफ तकनीक फ़ैल रही हो | जो महिला किसी और दंपती के बच्चो को अपनी कोख से जन्म देने को तैयार हो जाती है उसे ही सरोगेट मदर के नाम से जाना जाता है |आई वी एफ सरोगेसी को बाँझ दम्पत्ति अपनाकर माता-पिता का सुख पा सकते हैं। सरोगेसी की सुविधा वे महिलाएं ले सकती है, जो शारीरिक समस्या के कारण माँ नहीं बन सकती। ऐसे में दूसरी महिला के कोख को प्रयोग में लेने को सरोगेसी कहा जाता है।

सेरोगेसी के दो विकल्प होते है आइये जानते है इनके बारे में। …

पहले प्रकार को ट्रेडिशनल सेरोगेसी कहा जाता है वही दूसरे प्रकार को जेस्टेशनल सेरोगेसी कहा जाता है पहले प्रकार में पिता के शुक्राणु को अन्य महिला ने अंडाणु पर मिलाया जाता है जिससे आने वाले बच्चे पर सिर्फ पिता के ट्रडिशनल सामान्य होते है वही दूसरी प्रकार में माता और पिता के अंडाणु और शुक्राणु को क्रमशः मिलाया जाता है और अन्य महिला की कोख में प्रतिरोपित किया जाता है इसमें होने वाले बच्चे में माता और पिता दोनों का जेनेटिक सामान्य बन पाता है।

भारत में इन दिनों इस पद्धति का काफी चलन बढ़ गया है और कई दम्पत्तिया इस पद्धत्ति का उपयोग कर अपने जीवन को खुशहाल बना पा रही है।

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