जिला अस्पताल में दो सालों में 45 मरीजों का डायलिसिस
बागेश्वर। किडनी की बीमारी भी आम बीमारी बनती जा रही है। जैसे हर दूसरा शख्स शुगर या ब्लड प्रेशर का मरीज होता है उसी तरह अब किडनी के मरीज भी बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में डायलिसिस कराने वालों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है लेकिन डायलिसिस उपकरणों के अभाव में प्रतिदिन छह मरीजों का ही डायलिसिस किया जा रहा है। वर्तमान में 18 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है, जबकि प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की संख्या 54 पहुंच गई है।
जिले में किडनी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मार्च महीने में अस्पताल में 18 लोगों का डायलिसिस किया जाना इसका उदाहरण है। जबकि पिछले दो सालों में केवल 45 मरीजों का ही डायलिसिस हो सका है। इंतजार कर रहे मरीजों को जोड़े तो जिले में किडनी मरीजों की स्थिति कहीं अधिक है। जब किडनी के मरीजों की बीमारी बढ़ जाती है और किडनी काम करना बंद कर देती है तब मरीज को डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ती है। डायलिसिस के माध्यम से मरीज के शरीर में रक्त को फिल्टर किया जाता है।
जिला अस्पताल के डायलिसिस तकनीशियन ने बताया कि बहुत से लोग दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करते हैं, इससे भी यह बीमारी बढ़ती है। दर्द निवारक दवाइयां किडनी में जमा होती रहती हैं। सिगरेट, बीड़ी पीने और मोटापे से भी किडनी की बीमारी होने का खतरा बना रहता है। इस बीमारी में ब्लड प्रेशर और शुगर पर नियंत्रित रहना जरूरी है। इससे बचने के लिए अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें, अधिक से अधिक पानी पीएं, रोजाना व्यायाम करें, 35 से अधिक उम्र के लोग नियमित बीपी और शुगर की जांच कराएं, खाने में ज्यादा नमक और ज्यादा मीठा ना खाएं। डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का सेवन करें।