
हज यात्रा के दौरान सऊदी अरब की ओर से वीजा से जुड़ी सख्ती ने कई देशों को चिंता में डाल दिया है। भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक टेंशन में आ गए हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सऊदी सरकार ने 14 देशों के नागरिकों के लिए के लिए वीजा रोक दिया है। हालांकि, ये पूरा सच नहीं है। मीडिया में हज यात्रा के दौरान सामान्य प्रोसेस को वीजा रद्द करने की खबरों की तरह चलाया गया है। आइये जानें आखिर पूरा सच क्या है?
भारत-पाकिस्तान समेत कई अन्य देशों के लिए 30 जून तक नए वर्क वीजा यानी शॉर्ट टर्म वीजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय वीजा के दुरुपयोग और बिना अनुमति हज यात्रा में भाग लेने के कारण हुआ है। ऐसा हर साल होता है।
भारतीय यात्री और कामगार के लिए चिंता नहीं
भारत के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि सऊदी अरब की ओर से भारतीय नागरिकों के वीजा में कोई अलग से प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। बताया गया कि कि हज यात्रा वाले सीजन के दौरान अस्थायी प्रतिबंध हमेशा से लगाए जाते हैं। ऐसा हज यात्रा को मैनेज करने के लिए किया जाता है जिससे यात्रियों की संख्या और सुरक्षा व्यवस्था को संतुलित रहे। हज के बाद स्थिति पहले की तरह हो जाती है।
भारत को 2025 में कुल 1,75,025 हज यात्रियों का कोटा मिला है। इसमें अधिकांश भारतीय तीर्थयात्री मक्का में हज यात्रा में भाग ले चुके हैं। दूसरी तरफ बड़ी संख्या में भारतीय कामगार सऊदी में नियमित काम कर रहे हैं। इन्हें कोई समस्या नहीं होगी। हालांकि, 30 जून तक नए शॉर्ट टर्म वीजा जारी नहीं किए जाएंगे।
क्यों रोका जाता है वीजा?
ब्लॉक वर्क वीजा और शॉर्ट टर्म वीजा आमतौर पर मजदूरों को काम के लिए बुलाने के लिए जारी किए जाते हैं। सऊदी अरब इन्हें घरेलू कामगारों, निर्माण क्षेत्र और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम दिया जाता है। इसमें सबसे बड़ी संख्या दक्षिण एशियाई की होती है। इसी वीजा के सहारे कई लोग सऊदी पहुंचते हैं और बिना अनुमति के हज की यात्रा करते हैं और बिना काम के अपने देश लौट जाते हैं। ऐसे में वहां का प्रबंधन बिगड़ जाता है। इसे समस्या के कारण हर साल हज के दौरान सरकार वीजा रोक देती है।
किन देशों पर पड़ी मार
भारत और बांग्लादेश के अलावा पाकिस्तान, अल्जीरिया, इंडोनेशिया, इराक, मिस्र, इथियोपिया, सूडान, ट्यूनीशिया, जॉर्डन, मोरक्को, नाइजीरिया और यमन जैसे देशों के लिए वीजा प्रतिबंधित करने की खबर है। हालांकि, इस संबंध में सऊदी अरब सरकार की ओर से कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आया है।