सगे भांजे से इश्क लड़ाया, पति को मारकर दफनाया : नाजायज इश्क और पति की हत्या की कहानी का हुआ पर्दाफाश

बीते साल नवंबर में हत्या के बाद घर के पीछे बाग में छिपाई लाश…
सगे भांजे से इश्क लड़ाया, पति को मारकर दफनाया

  • बच्चों ने आपत्तिजनक स्थिति में देखा तो बहला लिया था
  • सिर में सरिया मारने के बाद नमक के साथ दफन किया
  • सास को नौकरी के लिए गुजरात जाने की कहानी सुनाई
  • शराबखोरी और मारपीट से तंग आकर भांजे के करीब हुई

कानपुर। नाजायज इश्क और हत्या का सनसनीखेज किस्सा सामने आया है। शराबी पति की हरकतों से तंग होकर तीन बच्चों की मां अपने सगे भांजे के साथ इश्क लड़ाने लगी थी। बच्चों ने मां और ममेरे भाई को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा तो निठल्ले पापा के कारण मजबूरी बताकर बहला लिया था। बेधड़क इश्क में निठल्ला पति खामख्वाह का अड़ंगा था, ऐसे में सास की गैर-मौजूदगी में मौत के घाट उतारने के बाद घर की पीछे बाग में दफन कर दिया। सबूतों की हत्या करना जरूरी थी, इसलिए लाश दफन करते समय गड्डे में आठ-दस किलो नमक भी डाल दिया था। मायके से लौटी सास ने बेटे की खोज-खबर पूछी तो आशिकी में उलझे भांजे-मामी ने नौकरी के लिए गुजरात जाने की फर्जी कहानी को गढ़ दिया। महीनों गुजर गया, लेकिन बेटा नहीं लौटा और फोन भी नहीं आया। इधर बहू और नाती का इश्क गांव में चर्चित हो गया था। शक हुआ और फरियाद पुलिस तक पहुंची। तफ्तीश हुई, पड़ताल हुई और पूछताछ में सख्ती हुई। नतीजे में नाजायज इश्क और पति की हत्या की कहानी से पर्दाफाश हुआ।

सास गई थीं मायके, लौटी तो बेटा लापता था
सगे भांजे के साथ इश्क की कहानी सचेंडी के लालूपुर गांव से जुड़ी है। गांव के बाहरी हिस्से में तीन-चार मकानों के दरमियान, सावित्री बहू लक्ष्मी और बेटे शिववीर के तीन बच्चों के साथ रहती हैं। सावित्री बीते साल 30 अक्टूबर को अपने मायके बांदा गईं और 05 नवंबर को लौटीं तो बेटा शिववीर नजर नहीं आया। बहू लक्ष्मी से पूछा तो बताया कि, नौकरी करने के लिए गुजरात गए हैं। निठल्ले बेटे के रोजगार पर जाने की बात पर सावित्री ने यकीन कर लिया, लेकिन दो महीना गुजरने के बावजूद, शिववीर का फोन नहीं आया तो शिववीर के बारे में सवाल किया। बहू ने टाल दिया, लेकिन दो-तीन महीने बाद फिर सवाल दोहराया तो वह झल्ला गई। ऐसे में सास सावित्री को शक हुआ तो थाने-चौकी में गुमशुदगी दर्ज कराई।

गांव-मजरों में गूंजने लगा मामी-भांजे का इश्क
शिववीर लापता था और सावित्री के घर में उनके नाती अमित का आना-जाना बेधड़क होगया था। मामी-भांजा घंटों बैठकर खुसुर-पुसुर करते थे। ऐसे में सावित्री को रिश्ते में गड़बड़ी की आहट हुई। उधर, गांव-मजरे में लक्ष्मी और अमित की मोहब्बत की चर्चा होने लगी थी। कहानी सावित्री तक पहुंची तो उसे शिववीर की गुमशुदगी में लक्ष्मी और अमित के रिश्ते की बदबू आने लगी। सावित्री ने दोबारा पुलिस से फरियाद लगाकर गहराई से पड़ताल करने का आग्रह किया। खाकी ने जिम्मेदारी निभाई तो इश्क की कहानी की सच्चाई सामने थी। अमित ने कबूला कि, उसका अपनी मामी के साथ नाजायज रिश्ता है। पुलिस ने लक्ष्मी और अमित को हिरासत में लेकर सख्ती दिखाई तो दोनों ने शिववीर की हत्या का जुर्म कबूल लिया।

बाग में नमक के साथ गड्डे में लाश दफनाई
लक्ष्मी ने बताया कि, शिववीर के निठल्लेपन के कारण परेशान थी, इसके अलावा वह शराब पीकर आए दिन मारपीट करता था। शिववीर की बहन के लड़के अमित ने सहारा दिया तो रिश्ता तमाम मर्यादाओं को लांघ गया। लक्ष्मी ने बताया कि, सास के बांदा जाने के अगले दिन सिर मे सरिया मारकर शिववीर को मौत के घाट उतार दिया था। फिर अमित के साथ मिलकर घर के पीछे गड्ढा खोदकर आठ किलो नमक के साथ लाश को दफन कर दिया। अमित ने बताया कि, कुछ दिन बाद कुत्तों ने गड्ढा खोदकर हड्डियों को निकाल लिया था। ऐसे में अगले दिन हड्डियों को बटोरकर पनकी नहर में फेंक दिया था।

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