सच है ये हैरान करने वाली खबर, मटर के एक दाने ने इस मासूम को दे दी मौत

मटर का एक दाना भी जान ले सकता है। शायद आपको यकीन न हो, लेकिन यह सच है। मासूम हंसल घर में ही खेल-खेल में मटर को हवा में उछालकर खाने लगा। इसी दौरान एक मटर सीधे उसकी सांस नली में जा फंसा और वह छटपटाने लगा। परिजन कुछ समझ नहीं पाए, दम उखड़ते देख पिता, दादी और मां पास के डॉक्टर के यहां लेकर भागे, वहां से दूसरे और फिर तीसरे। अंत में डॉक्टर ने कह दिया, हंसल नहीं रहा…। पटना के राजेंद्र नगर निवासी अनिल देव के घर की खुशियां मातम में बदल गईं।

कहा जा रहा है की हंसल अपनी दादी का सबसे चहेता था, हमेशा उनके पास ही रहता था। हंसल की दादी सुनीता देव से इस बारे में पूछा गया तो उनकी आंखें भर आईं और बोली हम सब उसे डॉक्टर के पास लेकर दौड़े, ऐसा हो जाएगा यह सोचा नहीं था। अब कौन मेरी गोद पर आकर बैठेगा… शैतानियां करेगा…। हंसल की मां द्रौपदी का भी बहुत बुरा हाल है। हंसल कक्षा दूसरी का छात्र था, उम्र 8 साल थी और बहुत होनहार भी था लेकिन अब ये इस दुनिया में नही रहा।, लेकिन इस घटना के बाद आप सभी माता-पिता को अपने बच्चे के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।

दरअसल सांस की नली 3.5 से 4.5 एमएम की गोलाई की होती है। जानकारों के मुताबिक अगर इमरजेंसी केयर का प्रशिक्षण ले लें तो सांस नली में मटर, चना, मूंगफली या अन्य चीज फंसने पर जान बचाई जा सकती है। डॉक्टर्स के मुताबिक एक साल तक के बच्चों में चना, मूंगफली के देने फंसने के मामले काफी बढ़े हैं। पांच साल तक के बच्चों में सिक्का, पिन यहां तक सीटी तक गटकने के केस आए हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को इन चीजों से दूर रखें।

ऐसी स्थिति में क्या करें, एक्सपर्ट की सलाह
समझारी दिखाएं, घबराएं नहीं। बच्चे को उसी स्थिति में लिटा दें, जिसमें वह सांस लेने में सहज महसूस कर रहा हो, मुंह से सांस लेने कहें। फिर भी स्थिति संभल नहीं रही हो तो कृत्रिम सांस दें, 108 को कॉल करें।

आपको बगैर समय गंवाए सीधे डॉक्टर के पास ले जाएं, कोई भी अन्य गतिविधि या फिर छेड़छाड़ कतई न करें। कई बार घरेलू कोशिश में जान गंवा बैठते हैं|