सभी महिलाओ को पता होनी चाहिए ये जरुरी बाते, सारी उम्र बना रहेगा साथी का प्यार

हिन्दू धर्म में मंगलसूत्र को विवाह का प्रतीक चिन्ह और सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिए विवाह के बाद सुहागन स्त्रियां इसे गले में पहनती हैं। मंगलसूत्र पहनने का यह नियम सदियों से चला आ रहा है। हमारे हिन्दू धर्म  मंगलसूत्र का बड़ा महत्व है। शादी-शुदा महिलाएं यह मंगलसूत्र आज से ही नहीं पुराने समय से ही पहनते आ रही हैं।

मंगलसूत्र में अक्सर देखा गया है कि उसमें कई तरह के मोती भी होते हैं। वह मोती काले-पीले होते हैं। इन मोतियों को पैंडेट के साथ में देखा गया है। आजकल तो पैंडेट को धागे में इन काले-पीले मोती को पिरोए हुए भी देखा गया है। बता दें कि मंगलसूत्र का मानव जीवन में बहुत ज्यादा महत्व होता है।  मंगलसूत्र को विवाह का प्रतीक चिन्ह और सुहाग की निशानी माना जाता है। इसी वजह से विवाह के बाद महिलाएं अपने गले में मंगलसूत्र पहनती हैं। आज हम आपको मंगलसूत्र से जुड़े कुछ रोचक तथ्य के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में शायद आप जानते नहीं होंगे।

मंगलसूत्र धारण करने के नियम और सावधानियां:

मंगलसूत्र या तो स्वयं खरीदें या अपने पति से लें। किसी अन्य से मंगलसूत्र लेना उत्तम नहीं होता है।  मंगलसूत्र मंगलवार को न खरीदें। धारण करने के पूर्व इसे माँ पार्वती को अर्पित करें।

जब तक बहुत ज्यादा जरूरी न हो मंगलसूत्र को न उतारें। मंगलसूत्र में लगा हुआ सोना अगर चौकोर हो तो बहुत उत्तम होगा।

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