सरकार ने एक सितंबर से बदले नियम-अब चांदी के गहनों की भी होगी हॉलमार्किंग

Silver Hallmarking Update सोने के गहनों की हॉलमार्किंग का नियम लागू होने के बाद अब केंद्र सरकार ने चांदी के गहनों पर भी हॉलमार्किंग की तैयारी कर ली है। केंद्र का इरादा सोने के गहनों की तरह ही चांदी के गहनों की शुद्धता की गारंटी की जानकारी भी ग्राहकों तक पहुंचाने की है। चांदी के गहनों की शुद्धता की गारंटी के लिए कल यानी 1 सितंबर से हॉल मार्किंग का नियम लागू हो जाएगा।

सरकार अभी चांदी के गहनों पर हॉल मार्किंग के नियम को अनिवार्य नहीं कर रही है। फिलहाल हॉल मार्किंग का ये नियम वॉलंटरी होगा। यानी गहने खरीदने वाले ग्राहक की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वो हॉलमार्क वाला चांदी का गहना खरीदे या बिना हॉलमार्क वाला गहना खरीदे। चांदी के गहनों की हॉलमार्किंग के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने 6 नए स्टैंडर्ड 800, 835, 900, 925, 970 और 990 तय किए हैं। अब हर हॉलमार्क वाली ज्वेलरी पर एक 6 अंकों का यूनिक कोड (एचयूआईडी) भी होगा। इस कोड से तुरंत पता चल जाएगा कि चांदी के गहने की शुद्धता कितनी है। ये सिस्टम पुराने हॉलमार्किंग तरीके की जगह लेगा और इससे बाजार में ज्यादा पारदर्शिता आएगी।

हॉलमार्किंग का नियम लागू हो जाने के बाद अब चांदी के गहनों के ग्राहक आसानी से बीआईएस केयर ऐप पर जाकर वेरिफाई एचयूआईडी फीचर की मदद से चेक कर सकेंगे कि गहनों पर अंकित कोड असली है या नकली। हॉलमार्किंग से ये बात भी तय हो जाएगी कि चांदी की शुद्धता उतनी ही है, जिसके लिए ग्राहक पैसा चुका रहा है। इससे चांदी के गहनों की खरीदारी पहले से ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद हो जाएगी।

दरअसल, साल 2021 में केंद्र सरकार ने सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया था। इसी तर्ज पर अब चांदी की ज्वेलरी के लिए भी ये सिस्टम लाया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य सर्राफा बाजार को ज्यादा पारदर्शी बनाना और ग्राहकों को असली उत्पाद उपलब्ध कराना है। हॉलमार्किंग शुरू हो जाने के बाद चांदी के गहनों के ग्राहक भी किसी भी घोखाधड़ी से बच सकेंगे।

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