सर्दी का सितम, हिलाकर रख दिया जनजीवन…सूर्यदेव के दर्शन तक दुर्लभ, मौतों का सिलसिला शुरू, बढ़े दिल के मरीज

 
 
बचकर रहना, यह है जानलेवा चिल्ला जाड़ा
 


कक्षा आठ तक के स्कूल 11 तक बंद, 12वीं तक के बच्चे पढ़ेंगे ऑनलाइन
अभी पांच दिन तक मौसम का मिजाज बदलने के आसार भी नहीं

कानपुर। जाड़ा अब जानलेवा हो चला है। हाड़कंपाऊ ठंड, किटकिटाती सर्दी, चिल्ला जाड़ा, खून जमा देने वाली शीतलहर। इन डरा देने वाले शब्दों का असर जो नहीं जानते थे, इस ठंड ने उन्हें भी बखूबी समझा दिया है- मुझसे बचकर रहना, जरा सी अकड़ दिखाई तो देह अकड़ते देर न लगेगी। मंगलवार को कानपुर मंडल प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। मौसम विभाग के मुताबिक अभी ठंड और धुंध पांच दिन तक ऐसी ही रहेगी।


जाड़े ने जनजीवन को हिलाकर रख दिया है। शहर में बर्फीली हवाएं चल रही हैं। कोहरे धुंध के कारण लेटलतीफ हो रहीं ट्रेनें, बसें की कंपाकंपा रही हैं। घाम तो छोड़िए, करीब एक हफ्ते से सूर्यदेव के ठीक से दर्शन तक नहीं हो सके हैं। पिछले दिन ही शहर में जाड़ा तीन को लील गया। ब्लड प्रेशर बढ़ने से अस्पतालों में हार्ट के मरीजों की लाइन लग रही है। भीषण ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने नर्सरी से कक्षा आठ तक के स्कूलों में 11 जनवरी तक छुट्टी कर दी है। नौवीं से 12वीं तक के बच्चे विद्यालय न जाकर ऑनलाइन पढ़ेंगे। मंगलवार को शहर का अधिकतम पारा 13.6 और न्यूनतम 8.4 डिग्री सेल्सियस रहा।


बुधवार को भी पूरे दिन भगवान भास्कर बादलों में छिपे रहे और जनजीवन कांपता रहा। हालत यह है कि अधिकतम तापमान सामान्य औसत 19.6 से 5.4 डिग्री नीचे आ गया। रात और दिन दोनों के तापमान में गिरावट आई है। रात का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 3.8 डिग्री नीचे आ गया है। ठिठुरती ठंड से अभी जल्दी निजात के आसार भी नहीं हैं। सीएसए के मौसम विभाग का कहना है कि अभी पांच दिन धुंध-कोहरा छाया रहेगा। इससे कड़ाके की ठंड पड़ेगी। रात तो छोड़िए, सुबह सात बजे दृश्यता सामान्य तौर पर दो किलोमीटर तक की दृश्यता सिर्फ 30 मीटर रह गई थी। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश पर है। साथ ही पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र में चक्रवाती घेरा बना हुआ है। इनका असर कानपुर परिक्षेत्र समेत गंगा के अन्य मैदानी इलाकों पर आ रहा है। चक्रवाती घेरों की वजह से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आने का सिलसिला थम नहीं रहा। वातावरण पर धुंध छाई है। इससे ठंडी हवाएं ऊपर नहीं उठ पा रही हैं।


वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि 10 जनवरी से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ, उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित कर सकता है। ला-नीना का प्रभाव भी अभी और बढ़ सकता है। इसके असर से ठंड और तीखी होगी। सीएसए के मौसम विभाग के मुताबिक अभी माहौल में नमी का प्रतिशत 95 है। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होने से चक्रवाती घेरे टूटेंगे। इससे उत्तर पश्चिमी हवाओं में निरंतरता आएगी। हिमालयी बर्फबारी और बारिश की ठंड मैदानी इलाकों में पहुंचने लगेगी। इस कारण अभी मौसम का मिजाज बदलने की उम्मीद कम ही है।

 
चार की अकड़ गई देह
कानपुर। जानलेवा जाड़ा विगत दिनों चार लोगों को लील गया। ये मौतें पनकी, नवाबगंज, कोहना और फजलगंज में हुईं। पनकी थानाक्षेत्र में रह रहे ई रिक्शा चालक राजेंद्र श्रीवास्तव (62), नवाबगंज के ज्योरा निवासी अजय कश्यप (30) और चकेरी थाना के अन्ना चौराहा निवासी संतोष सिंह (55) ठंड लगने से चल बसे। इसके अलावा प्रयागराज में तैनात सिपाही जेपी यादव के छोटे भाई अजय यादव को ठंड लगने से उनकी फजलगंज क्षेत्र में मौत हो गई। अजय यादव (25) पिकअप चलाता था।

 
हार्टअटैक के लक्षण वाले 43 रोगी भर्ती
कानपुर। जाड़े में हार्ट अटैक के लक्षण वाले 55 रोगियों को सोमवार के दिन कार्डियोलॉजी में भर्ती किया गया था। मंगलवार को हार्ट अटैक के लक्षण वाले 43 और ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण वाले 16 रोगी भर्ती किए गए। इसके साथ ही ओपीडी में 1822 रोगियों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। इनका ब्लड प्रेशर बढ़ा था। धमनी में ब्लॉकेज भी मिला है। अब इनकी एंजियोग्राफी और दूसरी जांचें कराई जाएंगी। इसके अलावा 10 लोगों ने सांस फूलने, सीने में भारीपन और दर्द बताकर इमरजेंसी में जांच कराई। इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा के मुताबिक इनमें 50 ऐसे हैं, जिन्हें पहली बार ऐसी दिक्कत हुई है। इसके अलावा कार्डियोलॉजी की ओपीडी में 887 रोगी स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए पहुंचे।

 
ठंड से ऐसे करें बचाव
हमेशा सिर, गर्दन और हाथ-पैर ढंककर रखें।
घर की खिड़की-दरवाजों को बंद रखें।
जहां तक संभव हो, घर के अंदर रहें।
गर्म तासीर वाली और हेल्दी चीजें खाएं।
हाई ब्लड प्रेशर रहता है तो दवा की खुराक दुरुस्त करा लें।
बीपी चेक कराते रहें, हार्ट अटैक जैसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत डिस्प्रिन की गोली लें और डाक्टर से संपर्क करें।
सादा और पौष्टिक भोजन लें, देर रात की पार्टियों और घूमने फिरने से परहेज करें।

 
जानिए, कितनी खतरनाक है शीतलहर
डाक्टरों के मुताबिक शीतलहर हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करती है। ये हमारे हार्ट के साथ न्यूरोलॉजिकल हेल्थ पर भी प्रभाव डालती है। इसमें हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं। सांस लेने में परेशानी हो सकती है। हाइपोथर्मिया की समस्या हो सकती है। इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। डाइजेस्टिव सिस्टम भी खराब हो सकता है। उल्टी और दस्त लग सकते हैं। स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही शीतलहर की चपेट में आते ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

 
24 दिसंबर से नहीं हुए धूप के दर्शन
कानपुर। शहरियों को 24 दिसंबर से धूप के दर्शन नहीं हुए हैं। सीएसए की मौसम वेधशाला के सनशाइन रिकॉर्डर में 15 दिन से धूप के घंटे शून्य हैं। धूप न मिलने से लोगों में विटामिन डी की कमी हो गई है। इससे आर्थराइटिस, ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी हो रही है। शरीर में कैल्शियम की कमी आदि समस्याएं भी बढ़ गई हैं। मधुमेह रोगियों की हालत तो और भी खराब है। दवा लेने के बाद भी उनका शुगर लेवल कम नहीं हो रहा है।

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