सशस्त्र बलों के लिए केंद्र सरकार ने नई पेंशन और मुआवजा गाइडलाइंस की जारी, पढ़ें पूरी खबर

– संसद में कैग की रिपोर्ट के बाद गठित अध्ययन समूह ने सरकार को सौंपी सिफारिशें

– नए प्रावधान 21 सितंबर, 23 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले सैन्य कर्मियों पर लागू होंगे

नई दिल्ली (हि.स.)। संसद में कैग की एक रिपोर्ट के जरिए सशस्त्र बल कर्मियों और युद्ध के दौरान हताहत होने वाले बहादुरों की पेंशन का मुद्दा उठने के बाद केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। नए प्रावधान पिछले साल 21 सितंबर के बाद सेवानिवृत्त होने वाले सैन्य कर्मियों पर लागू होंगे।

दरअसल, सशस्त्र बल कर्मियों के लिए पेंशन और विकलांगता मुआवजा के लिए सरकार ने आखिरी बार 2008 में गाइडलाइंस जारी की थी। हालांकि, इसके बाद भारत सरकार ने समय-समय पर कई नीतिगत पहलों के साथ शर्तों में काफी बदलाव किए, लेकिन युद्ध में घायल विकलांग कर्मियों और वीर नारियों को दी जाने वाली पेंशन या मुआवजा राशि की पात्रता और दरों के मौजूदा नियमों और चिकित्सा दिशा-निर्देशों को स्पष्ट करने की जरूरत महसूस की गई। इस मामले को सीएजी ने भी संसद में अपनी रिपोर्ट में उठाया था। इसलिए सभी नीति प्रावधानों की जांच एवं समीक्षा करने के लिए सेना, नौसेना, वायु सेना, पूर्व सैनिक कल्याण विभाग और रक्षा मंत्रालय (वित्त) के सदस्यों को मिलाकर एक अध्ययन समूह गठित किया गया था।

अब इस समूह ने अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी हैं, जिनके बारे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने शुक्रवार को मीडिया से जानकारी साझा की। जनरल चौहान ने बताया कि सैनिकों के लिए विकलांगता पेंशन के नए संशोधित पात्रता नियमों के प्रावधान 21 सितंबर, 23 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले सैन्य कर्मियों पर लागू होंगे। उन्होंने बताया कि किसी भी श्रेणी के व्यक्तियों को मृत्यु या विकलांगता के लिए मुआवजा दिए जाने की पात्रता में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है।

विकलांगता या पेंशन नियमों के लिए नए संशोधित पात्रता मानदंड के संबंध में पूर्व सैनिकों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहा कि संशोधित नियम 21 सितंबर को पूर्व सैनिक कल्याण विभाग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए थे, लेकिन बड़ी संख्या में लोग इन नियमों के सटीक निहितार्थों को नहीं समझ पाए। इसलिए हमने 3 अक्टूबर को मान्यता प्राप्त पूर्व सैनिक संगठनों को बुलाया। उनमें से अधिकांश को इस बात की चिंता थी कि नए प्रावधानों में कहीं उनके हक़ न छीन लिये जाएं। इसलिए पूर्व सैनिकों को स्पष्ट किया गया, जिसके बाद उनमें से अधिकतर संतुष्ट थे।

बैठक के दौरान उभरी अधिकांश आशंकाओं के बारे में सवाल-जवाब हुए और कल रात इन्हें भी पूर्व सैनिक कल्याण विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। जनरल अनिल चौहान ने कहा कि पात्र सैनिकों के वास्तविक हितों की रक्षा करने, किसी भी तरह का शोषण रोकने, विकलांगता पेंशन और अन्य अधिकारों के लिए पात्रता मानदंड को संशोधित किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में सशस्त्र बल कर्मियों के लिए मृत्यु या विकलांगता मुआवजे पर उन सिद्धांतों और दिशा-निर्देशों को बनाए रखा है, जो पांचवें वेतन आयोग ने निर्धारित किए गए थे, जिसे छठे और 7वें सीपीसी के बाद और संशोधित किया गया था।

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