साक्षी बोली, ब्रजभूषण के करीबियों से हमें फोन पर धमकियां मिल रहीं…

कुश्ती महासंघ से कोई परेशानी नहीं , संजय सिंह को उससे बाहर रखा जाय

नई दिल्ली (ईएमएस)। महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि कहा है कि कुश्ती महासंघ की नई फेडरेशन से उन्हें कोई परेशानी नहीं है। वह इतना चाहती हैं कि संजय सिंह इसमें नहीं रहें। साक्षी ने हाल ही में ब्रजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद खेल से संन्यास की घोषणा की दी थी। इस मामले में बढ़ते विवाद को देखकर खेल मंत्रालय ने संजय को निलंबित कर दिया था। साक्षी ने ये भी आरोप लगाया कि उनकी मां को फोन पर धमकियां मिल रही हैं। जिसमें ये कहा जा रहा है कि आपके परिवार के किसी सदस्य पर मुकदमा हो सकता है।

साक्षी ने कहा कि ये धमकियां कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के समर्थकों की ओर से मिल रही हैं। ओलंपिक पदक विजेता इस पहलवान ने कहा ,‘हमें नए महासंघ से कोई परेशानी नहीं है। केवल एक व्यक्ति संजय को हम इसमें नहीं चाहते हैं। संजय के बिना नए महासंघ से या किसी तदर्थ समिति से भी हमें कोई दिक्कत नहीं है.’

साक्षी ने कहा ,‘पिछले दो तीन दिन से बृजभूषण के समर्थक एक बार फिर सक्रिए हो गए हैं। उसकी ओर से मेरी मां को धमकियां मिल रही हैं। वे लोग फोन करके कह रहे हैं कि घर के किसी व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे। ये लोग सोशल मीडिया पर भी हमारे खिलाफ गलत बातें कर रहे हैं।

साक्षी ने कहा कि हमारे लिए सरकार ही अभिभावक है। इसलिए मैं सरकार से अपील करुंगी कि आने वाले पहलवानों के लिए कुश्ती को सुरक्षित बनाने के लिए संजय जैसे व्यक्ति को इससे बाहर रखें। मैं नहीं चाहती कि महासंघ में संजय जैसे लोग हों। अगर खेल मंत्रालय कहता है कि वह वापिस नहीं आयेगा तो अच्छा है। सभी ने देखा कि महासंघ के चुनाव के बाद बृजभूषण ने कैसे सत्ता का गलत इस्तेमाल किया था। उसने बिना अनुमति के ही अपने शहर में जूनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप कराने की घोषणा कर दी थी। ’

साक्षी ने तदर्थ समिति से तत्काल ही जूनियर वर्ग के टूर्नामेंट कराने को भी कहा। साथ ही कहा कि मैं नहीं चाहती कि हमारी वजह से जूनियर पहलवानों को किसी प्रकार का नुकसान हो। तदर्थ समिति ने सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के आयोजन की जिस प्रकार घोषणा की है। वैसे ही अंडर 15, अंडर 17 और अंडर 20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप की भी घोषणा की जाये।

हमें जूनियर पहलवानों के नुकसान के लिए दोषी ठहराया जा रहा है जो सही नहीं होगा है। खेल महासंघ में महिलाओं को शामिल करने की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि महिलाएं भी खेल प्रशासन में होंगी तो उन्हें सुरक्षा का अहसास होगा।

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