नई दिल्ली (ईएमएस)। क्या सच में रातभर हीटर चलाने से ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी? इस संबंध में कहा जा रहा है कि पिछले कुछ वर्षों में नई टेक्नोलॉजी ने काफी प्रगति की है। हीटर के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। दरअसल, इन दिनों जितने भी इलेक्ट्रिक हीटर बाजार में मिलते हैं, वे सभी सुरक्षित हैं और इस बात का प्रमाण नहीं मिला है कि उन्हें चलाने से ऑक्सीजन कम हो जाती है। तो फिर ऐसा क्यों कहा जाता है कि रूम में हीटर चलाना हो तो केवल 1-2 घंटे के लिए ही चलाना चाहिए, पूरी रात के लिए नहीं? पहले केरोसीन (मिट्टी का तेल) से कुछ जलाकर कमरा गर्म किया जाता था। लकड़ी या कोयले की अंगीठी जलाई जाती थी तो हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की अधिकता होने लगती थी। अंगीठी से कॉर्बन मोनोऑक्साइड गैस बढ़ती है और ऑक्सीजन कम होती है, जिससे कई बार ऐसी खबरें आती हैं कि लोग सोए और उठ नहीं पाए। जब तक इलेक्ट्रिक हीटर आम नहीं थे, तब तक इसी तरीके से घर और कमरा गर्म किया जाता था।
जानकारी के अनुसार, आमतौर पर इलेक्ट्रिक हीटर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस रिलीज नहीं करते हैं। लेकिन अगर इलेक्ट्रिक हीटर साफ न किए गए हों तो उसके एलीमेंट्स पर धूल जमा हो जाती है। ऐसे धूलभरे हीटर को जब चलाया जाए तो यह जहरीली गैस निकल सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप ठंड के सीजन में हीटर का इस्तेमाल करने से पहले उसकी सर्विस करवा लें। मालूम हो कि आपने अब तक बहुत बार सुना और पढ़ा होगा कि पूरी रात तक रूम हीटर नहीं चलाना चाहिए, क्योंकि इससे कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कमरे में सोने वाले लोग मर भी सकते हैं।