
गंगटकि(ईएमएस)। भारी बारिश और जल स्तर के बढ़ने से सिक्किम में काफी नुकसान हुआ है। यहां अब तक बाढ़ में 100 से अधिक लोग लापता हुए हैं जबकि 14 लोगों की मौत हो गई है। तबाही का आलम ये है कि सेना के वाहन दल दल में धंसे हुए हैं और 22 जवान लापता है। हालांकि राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। बुधवार को आई इस बाढ़ में कई सड़के बह गई और पुल भी ढहे है। ऐसे में सेना ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि लोगों को राहत मिल सके। राहत की बात ये है कि बचाव कायों से भी राहत की खबरें आने लगी है। सेना के मुताबिक सेना का जवान मिल गया है जिसका उपचार जारी है। जवान की हालत स्थिर है। गंगटोक के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट महेंद्र छेत्री ने कहा, ‘गोलिटर और सिंगतम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं। मृतकों में से 3 उत्तरी बंगाल में बह गए। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सेना के जवानों के अलावा, 80 से ज्यादा नागरिक अब भी लापता हैं, जबकि 45 लोगों को बचाया गया, जिनमें 18 घायल हैं।
166 लोगों को बचाया गया
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत का कहना है कि लापता सैनिकों में से एक जवान को बचा लिया गया है और उसे अस्पताल में भती कर उपचार किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि हमारा जवान जल्द ठीक हो सकेगा। इसके अलावा सेना के 41 वाहन बाढ़ के दल दल में फंसे हुए हैं जिन्हे निकालने को प्रयास किए जा रहे हैं। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि संचार व्यवस्था ठप होने की वजह से लापता कर्मियों की पहचान होने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण एनडीआरएफ ने दक्षिण बंगाल में 6, उत्तरी बंगाल में 3 और सिक्किम में एक टीम तैनात की है। सिक्किम सरकार ने कहा कि फ्लैश फ्लड को आपदा घोषित कर दिया गया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अब तक करीब 166 लोगों को बचाया गया है। जिनमें सेना का एक जवान भी शामिल है। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, बचाए गए सैनिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। अधिकारियों ने बताया कि बचाव कर्मियों ने सिंगताम के गोलिटार में तीस्ता नदी के बाढ़ क्षेत्र से कई शव निकाले।
पीएम मोदी ने लिया जायजा,सीएम से जाने हालात
सिक्किम में आई बाढ़ और तबाही को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जाहिर की है। उन्होने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से हालातों पर चचा करते हुए हर संभव मदद को भरोसा दिलाया है। एक्स पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, सिक्किम के सीएम से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। चुनौती से निपटने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। मैं प्रभावित सभी लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सिक्किम में स्थिति की समीक्षा की।
रक्षामंत्री सलामती के लिए प्रार्थना की
देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों की सलामती के लिए ईशवर से प्रार्थना की। उन्होने उन्होंने एक्स पर लिखी पोस्ट में कहा है कि सिक्किम के ल्होनक में ग्लेशियल लेक का फटना अत्यंत हृदय विदारक है। बेहद खराब मौसम के बीच राहत और बचाव कार्य जारी है। उन सेना कर्मियों की भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। जो इस त्रासदी के कारण लापता हैं।
उत्तर बंगाल के लिए बाढ़ की चेतावनी
नदी में उफान के कारण तीस्ता नदी घाटी क्षेत्र में स्थित डिक्चु। सिंगताम और रंगपो समेत कई कस्बों में भी बाढ़ आ गई है। शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र में कहा कि मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल आठ अक्टूबर तक बंद रहेंगे। अधिकारियों ने कहा कि सिक्किम और देश के बाकी हिस्सों के बीच मुख्य संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के कुछ हिस्से बह गए। उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल और बांग्लादेश के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है, जहां से तीस्ता नदी बहती है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
सिक्किम में आई इस आपदा के बाद से राहत एवं बचाव कार्य में जुटी भारतीय सेना ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। जहां उत्तरी सिक्किम की जानकारी के लिए 8750887741, पूर्वी सिक्किम के लिए 8756991895 और लापता सैनिकों की जानकारी के लिए 7588302011 संपर्क कर सकते हैं।
एक दर्जन से अधिक पुल ढह गए
अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ की स्थिति चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई। सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए 3,000 से अधिक पर्यटकों के राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे होने की सूचना है। पाठक ने कहा कि चुंगथांग में तीस्ता चरण तीन बांध में कार्यरत कई कर्मचारी भी फंसे हुए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि बाढ़ के कारण सड़क बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है क्योंकि 14 पुल ढह गए हैं। जिनमें से नौ सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधीन हैं और पांच राज्य सरकार के हैं।














