
आज के इस दौर में हर कोई अपना कैरियर मॉडलिंग और एक्टिंग को ही देना चाहता है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो चाहते हैं, कि वह एक एक्टर/एक्ट्रेस या फिर मॉडलिंग में अपना कैरियर बनाएं। मॉडलिंग और एक्टिंग में महिलाओं का इंटरेस्ट ज्यादा होता है,और इसी कारण महिलाएं ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग भी लेती हैं. आपको लगता होगा कि ब्यूटी कांटेक्ट जीतने के बाद महिलाएं मॉडलिंग और एक्टिंग को ही कैरियर के तौर पर चुनती हैं.
तो आइए आज आपको बताते हैं, लेफ्टिनेंट गरिमा यादव के बारे में जो की अपने फैसले के बाद लोगों की सोच बदल कर रख दी है. चलिए तो आपको बताते हैं कौन है गरिमा यादव और क्या है पूरी कहानी?
गरिमा, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएट हैं और हरियाणा के रेवाड़ी के गांव सुरेहली की रहने वाली हैं गरिमा ने ‘इंडियाज मिस चार्मिंग फेस 2017’ का खिताब जीता था और मुंबई में आयोजित इस प्रतियोगिता में गरिमा ने अलग-अलग राज्यों के 20 प्रतिभागियों को पीछे छोड़ा था इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग और एक्टिंग की दुनिया का रुख नहीं किया, बल्कि अपने सपने पर काम किया। गरिमा का सपना था कि वह अपने देश के लिए कुछ करें और गरिमा ने अपने सपने को पूरा किया।
गरिमा ने पहली बार में सीडीएस कंबाइंड डिफेंस सर्विस का एक्जाम पास किया और चेन्नई में ओटीए ऑफिसर ट्रेनिंग अकैडमी में अपनी जगह बनाई।गरिमा को भारतीय सेना में अफसर बनने से पहले उन्हें ‘ब्यूटी कॉन्टेस्ट’ के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगले चरण में भाग लेने का बुलावा आया था, जो इटली में था, लेकिन ओटीए में जगह मिलते ही उन्होंने इस प्रतियोगिता के बजाय अपने देश की सेवा करने का फैसला किया।
जब गरिमा से उनके इस फैसले के बारे में पूछा गया तब गरिमा ने बहुत ही साफ शब्दों में कहा कि “लोगों को ने गलत धारणाएं बना रखी है कि अगर आप खेल-कूद में अच्छे हैं और शारीरिक तौर पर मौजूद हैं, तभी आप एसएसबी के लिए चुने जा सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि आपको बस जरूरत है अपनी कमजोरियों को पहचान कर उन पर काम करने की इसके बाद जिंदगी आपको कई बेहतर पल देती है।