सीएम योगी की अपील, संगम नोज पर जाने से बचें, नजदीकी घाट पर ही श्रद्धालु करें स्नान, यहाँ लीजिये पूरा अपडेट

महाकुम्भनगर ।  मौनी अमावस्या के पावन स्नान पर्व पर प्रयागराज सनातनियों का महासागर बन चुका है। संगम में पवित्र डुबकी की आस लिये महाकुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख संतों ने अपील जारी की है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है। उन्होंने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। सीएम योगी ने सभी से अपील की है कि वह किसी भाी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें। संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया। आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें बाबा रामदेव ने कहा है कि करोड़ों श्रद्धालुओं के इस हुजूम को देखते हुए हमने फिलहाल केवल सांकेतिक स्नान किया है। इसके साथ ही समूचे राष्ट्र और विश्व के कल्याण की कामनाा की गई है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हम भक्ति के अतिरेक में न बहें और आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें। वहीं जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी कहा कि हमने फिलहाल सांकेतिक स्नान किया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी ने बताया कि इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। इतनी बड़ी तादाद में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है। हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है। महाकुंभ हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह ने की मुख्यमंत्री योगी से बात -प्रयागराज पहुंचे तीर्थयात्रियों और कल्पवासियों से मां गंगा का जो घाट पास हो, वहीं आस्था की डुबकी लगाने की अपील लखनऊ। प्रयागराज महाकुंभ हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पूरी शिद्दत से राहत कार्य में जुटी हुई है। स्थिति लगभग पूरी तरीके से नियंत्रण में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से बात करके और पूरी घटना की जानकारी ली है। केंद्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इस दुखद हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरी बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है। मुख्यमंत्री मेला क्षेत्र के अधिकारियों के लगातार संपर्क में है। उन्हें दिशा निर्देश दे रहे हैं। पल-पल की रिपोर्ट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज पहुंचे श्रद्धालुओं से अपील की है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज क्षेत्र में मां गंगा के हर घाट की हर बूंद अमृत है। इसलिए प्रयागराज पहुंच रहे तीर्थयात्री और कल्पवास कर रहे श्रद्धालु अपने नजदीक किसी भी घाट पर डुबकी लगाकर महाकुंभ का पुण्य अर्जित करें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि संगम नोज पर वैसे ही भारी भीड़ है। इसलिए असुविधा से बचने के लिए अपने पास के गंगा घाटों पर डुबकी लगाना धर्म सम्मत है। साथ ही श्रद्धालु मेलाक्षेत्र प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। अफवाहों पर भरोसा न करें। महाकुम्भ : भगदड़ की वजह से अखाड़ों ने रद्द किया अमृत स्नान, संतों ने घटना पर जताया दुख महाकुम्भ में मंगलवार की रात को हुए दुखद हादसे के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आज अमृत स्नान में भाग नहीं लेने का निर्णय किया है। गौरतलब है, संगम नोज पर मंगलवार की रात करीब 2 बजे मची भगदड़ में 25 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचलने से मौत हो गई। हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, राहत और बचाव कार्य जारी है। मेला क्षेत्र में भगदड़ संगम नोज पर अचानक भीड़ बढ़ने से मची। फिलहाल घायलों को मेला क्षेत्र के सेक्टर-2 में बने केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेला प्रशासन ने मृतकों की संख्या की पुष्टि नहीं की है। श्रद्धालुओं के स्नान में कोई रोक नहीं है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, “जो घटना हुई उससे हम बहुत दु:खी हैं। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे। जनहित में हमने फैसला किया कि अखाड़े आज स्नान में भाग नहीं लेंगे। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आज के बजाय वसंत पंचमी पर स्नान के लिए आएं। यह घटना इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट पहुंचना चाहते थे, इसके बजाय उन्हें जहां भी पवित्र गंगा दिखे, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए। “ जगद्गुरु रामानन्दाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने संगम में हुए हादसे पर दुख जताते हुए श्रद्वालुओं से अपने निकट की नदियों में मौनी अमावस्या का स्नान करने की अपील की है। उन्होंने अखाड़ों से अमृत स्नान निरस्त करने की अपील भी की है। श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी रामकृष्ण नंद महाराज ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि, मृत आत्माओं को परमात्मा शांति दे। और उनके वारिसों को सांत्वाना दे। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपने निकट की नदियों में स्नान करने की भी अपील की है। अखाड़ा परिषद के सचिव श्रीमहंत हरि गिरी जी महाराज ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से संयम बरतने और अपने निकट की ​नदियों में मौनी अमावस्या का स्नान करने की अपील की है। साध्वी निरंजन ज्योति ने महाकुंभ क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना पर कहा, “यह दुखद घटना है। जो भी हुआ वो ठीक नहीं हुआ। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान को रद्द करने का फैसला लिया है।“ आध्यात्मिक गुरु एवं प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “मौनी अमावस्या का स्नान चल रहा है। आज मैं संगम घाट पर नहीं गया क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज़्यादा है। पूरी गंगा और यमुना की धारा में ’अमृत’ बह रहा है। अगर आप कहीं भी गंगा या यमुना में स्नान करेंगे तो ’अमृत’ आपको प्राप्त होगा। ये आवश्यक नहीं है कि संगम में ही आपको डुबकी लगानी है।“ प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर सपा ने जताया दुख महाकुम्भनगर। मौनी अमावस्या पर्व पर प्रयागराज महाकुम्भ में हुई भगदड़ पर समाजवादी पार्टी ने दु:ख जताया है। सपा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा, “भगदड़ अत्यंत दुखद और श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबर हृदय विदारक है। ईश्वर मृतकों की आत्मा को शांति दे और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना। शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना। सरकार से राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाने की अपील।” अयोध्या से सांसद व सपा के राष्ट्रीय महासचिव अवधेश प्रसाद ने भी घटना पर दु:ख जताया है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर मची भगदड़ के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने लोगों से संयम बनाए रखने का अनुरोध किया है। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने घटना पर दु:ख जताते हुए अन्य घाटाें पर स्नान क अपील की है। अखिल भारतीय संत समिति एवं गंगा महासभा के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि प्रशासन के निर्देशन का अनुपालन करें, व्यवस्था बनाने में सहयोग करें, किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। सभी श्रद्धालु जहां साथ मिले उसी जगह स्नान कर लें। अत्यधिक, अपरिमित भीड़ है। पूरे संगम क्षेत्र में हर घाट पर स्नान की व्यवस्था है। वहीं महाकुम्भ में भगदड़ होने से अखाड़ों ने अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखिलेश यादव ने की श्रद्धालुओं से अपील, शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें महाकुम्भनग । उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने पर दु:ख जताया है। अखिलेश यादव ने सरकार से अपील की है कि गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। ⁠जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। सपा अध्यक्ष ने कहा कि हेलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। अखिलेश यादव ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करें। प्रयागराज संगम तट पर भगदड़ के बाद काशी में अफसरों ने भीड़ प्रबंधन में झोंकी ताकत मौनी अमावस्या पर्व के अमृत स्नान के पूर्व ​ही प्रयागराज महाकुम्भ में संगम तट पर भीड़ के दबाब से हुए भगदड़ को देख वाराणसी जिला प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मंगलवार आधी रात के बाद से तड़के मौनी अमावस्या स्नान के शुरू होने के पहले ही अफसर भारी फोर्स के साथ गंगाघाटों, दशाश्वमेध, गोदौलिया, बांसफाटक, चौक, ज्ञानवापी क्रासिंग और काशी विश्वनाथ धाम में डट गए। पूरी रात अफसरों ने भीड़ प्रबंधन करने के साथ श्रद्धालुओं के साथ संवाद भी बनाए रखा। उधर, महाकुम्भ के पलट प्रवाह को देख 30 जनवरी तक काशी में आने वाले श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या को देख यातायात विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें भदऊ चुंगी से गोलगड्डा, कैण्ट रेलवे स्टेशन, लहरतारा, मण्डुवाडीह, भिखारीपुर, सुन्दरपुर होकर जाने वाले मार्ग का प्रयोग और इसी मार्ग से श्रद्धालुओं को लौटाया जा रहा है। शहर के अन्दर के हिस्सों में (भेलूपुर, चेतगंज, कोतवाली, लक्सा, सिगरा थाना क्षेत्र) ऑटो व ई-रिक्शा के आवागमन पर पूर्णत: प्रतिबन्ध लगाया गया है। जिला प्रशासन ने काशीवासियों से अपील है कि शहर के अन्दर (भेलूपुर, चेतगंज, कोतवाली, लक्सा, सिगरा थाना क्षेत्र) अति आवश्यक होने पर ही अपने चार पहिया वाहनों का उपयोग करें, जिससे यातायात व्यवस्थित रूप से चलाया जा सके। आपातकालीन सेवाओं से सम्बन्धित वाहनों को प्रतिबन्धों से बाहर रखा गया है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों से निवेदन किया गया है कि यातायात पुलिस की ओर से जारी ट्रैफिक एडवाइजरी का पालन कर सहयोग करें।

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