सुखबीर बादल व सुखदेव ढींढसा बनेंगे गुरुघर के चौकीदार, पूर्व अकाली मंत्री करेंगे शौचालय साफ, जानिए क्या है मामला

चंडीगढ़ । श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष एवं तत्कालीन पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींढसा को सेवादार का चोला पहनकर दरबार साहिब समेत विभिन्न गुरुद्वारों के आगे चौकीदारी करने के आदेश जारी किए हैं।

इसके अतिरिक्त जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहब ने बादल सरकार में सत्ता में भागीदार रहे नेताओं को श्री दरबार साहब में बने सार्वजनिक शौचालयों की सफाई करने के आदेश जारी किए हैं। सभी अकाली नेताओं की यह सजा 3 दिसंबर से शुरू होगी। खास बात यह है कि इस सजा के दौरान सुखबीर सिंह बादल समेत सभी नेता अपने गले में दोषी की तख्ती पहन कर सेवा करेंगे। श्री तख्त साहब के इतिहास में करीब 40 वर्ष बाद इस प्रकार की सजा सुनाई गई है। इसके अतिरिक्त जत्थेदार सब ने सभी अकाली नेताओं को श्री दरबार साहब में बने लंगर हॉल में जाकर बर्तन साफ करने तक की सजा सुनाई है।

इसके अतिरिक्त सभी नेता एक घंटा कीर्तन सुनने एवं श्री सुखमणि साहब का पाठ करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। अकाली नेताओं, जिनमें आदेश प्रताप कैरो, गुलजार सिंह रणीके, परमिंदर सिंह ढींढसा, जनमेजा सिंह सेखों, बिक्रम मजीठिया, सोहन सिंह ठंडल, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, शरणजीत ढिल्लों, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, बीबी जगीर कौर, बीबी उपिंदरजीत कौर, सरवन सिंह फिल्लौर, हीरा सिंह गाबड़िया, मनप्रीत बादल के अलावा भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के नाम शामिल हैं, जिन्हें पांच दिन तक बाथरूम साफ करने से लेकर लंगर हॉल में बर्तन साफ करने एवं एक घंटा कीर्तन सुनने और उसके बाद श्री सुखमणि साहब का पाठ करने के आदेश जारी किए गए हैं।

जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहब ने स्पष्ट किया के यह सभी अकाली नेता पांचों तख्तों समेत श्री फतेहगढ़ साहब में भी जाकर यह दो दिन सेवा करेंगे और इसके उपरांत यह नेता अपने गांव या फिर हल्के में किसी भी गुरुघर में जाकर एक-एक घंटा सेवा करेंगे। जत्थेदार साहब ने स्पष्ट किया यह सभी अकाली नेता अपने गले में सेवादार की तख्ती डालकर सेवा करेंगे।

इसके अतिरिक्त जत्थेदार श्री अकाल तक साहब ने अकाली दल में मेंबरशिप के लिए भी एक कमेटी का गठन किया है जिसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, इकबाल सिंह झुदा, गुरुप्रताप सिंह वडाला, मनप्रीत सिंह एयाली, संता सिंह उमेदपुरी एवं श्री अकाल तख्त की ओर से बीबी सतवंत कौर शामिल होंगे।

जत्थेदार श्री अकाल तक साहब ने शिरोमणि अकाली दल की वर्किंग कमेटी को निर्देश जारी किए कि जिन नेताओं ने पार्टी से इस्तीफे दिए हैं उनके इस्तीफे परवान करने संबंधी सारी रिपोर्ट श्री तख्त साहब को दी जाए। इसके अतिरिक्त अकाली दल सुधार लहर के सभी नेताओं को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि वह अलग-अलग रास्तों पर चलने के बजाय शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करें।

जत्थेदार ने स्पष्ट किया के सिख संगत के सामने हुए उस फैसले की चिट्ठी भी सार्वजनिक की जाएगी जिसको आधार बनाकर डेरा मुखी राम रहीम को माफी दी गई थी। सिंह साहिबानो ने यह भी फैसला किया कि श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा दी गई सभी सुविधाएं 3 दिसंबर दोपहर 12 बजे से पहले-पहले वापस ले ली जाए। सिंह साहिबानो ने निर्णय लिया कि अकाली दल की सरकार के समय जो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के खजाने से इश्तहार जारी किए गए उनकी भरपाई सुखबीर सिंह बादल समेत अन्य नेता करेंगे।

सोमवार को अकाल तख्त साहिब पर हुई बैठक के दौरान सुखबीर बादल के अलावा 2007-2017 के दौरान बादल सरकार में रहे मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी तथा भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा को भी तलब किया गया था। यह विवाद एक जुलाई को उस समय शुरू हुआ जब अकाली दल से बागी हुए कुछ नेताओं ने बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई गलतियों में सहयोग करने पर अकाल तख्त जत्थेदार को माफीनामा सौंपा।

इसके बाद 14 जुलाई को अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक हुई। जिसमें 15 दिन के अंदर सुखबीर बादल से स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके बाद 24 जुलाई को सुखबीर बादल ने बंद लिफाफे में श्री अकाल तख्त साहिब को स्पष्टीकरण दिया था। सुखबीर बादल के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक करने की मांग उठने लगी। जिसके बाद पांच अगस्त को सुखबीर बादल का स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया गया।

सुखबीर बादल को 30 अगस्त को श्री अकाल तख्त साहिब से तनखाहिया घोषित किया गया था। जत्थेदार रघबीर सिंह ने तनखाहिया घोषित करते हुए यह भी आदेश दिया था कि जब तक सुखबीर तख्तों के सिंह साहिबान के समक्ष पेश होकर लिखित माफी नहीं मांग लेते, तब तक वह तनखाहिया ही रहेंगे। इस दौरान वह राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक व अन्य गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेंगे।

सुखबीर ने 31 अगस्त, 2024 को ही लिखित माफीनामा श्री अकाल तख्त साहिब सौंप कर सिंह साहिबान का हर आदेश स्वीकार करने की बात कही थी। उन्होंने उनकी सजा के संबंध में जल्द ही जत्थेदार रघबीर सिंह से कोई फैसला लेने की अपील की थी। जिसके बाद आज अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई। अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघवीर सिंह के आदेशानुसार शिरोमणि अकाली दल की सरकार में मंत्री रहे 23 लोगों को अकाल तख्त पर पेश होना होगा। इसमें से पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, सेवा सिंह सेंखवा, तोता सिंह, अजीत सिंह कोहाड़, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, कैप्टन कंवलजीत सिंह की मौत हो चुकी है। सुच्चा सिंह लंगाह को सिख पंथ से निष्कासित किया जा चुका है।

जिन नेताओं को अकाल तख्त पर पेश होने के आदेश दिए गए थे उनमें सुखबीर बादल, आदेश प्रताप कैरो, गुलजार सिंह रणीके, परमिंदर सिंह ढींढसा, जनमेजा सिंह सेखों, बिक्रम मजीठिया, सोहन सिंह ठंडल, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, शरणजीत ढिल्लों, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, बीबी जगीर कौर, बीबी उपिंदरजीत कौर, सरवन सिंह फिल्लौर, हीरा सिंह गाबड़िया, मनप्रीत बादल के अलावा भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का नाम शामिल हैं।

उक्त सभी नेता तय समय पर दरबार साहिब पहुंचे। बैठक के बाद अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने पांचों तख्तों के जत्थेदार साहिबानो की मौजूदगी में सभी अकाली नेताओं को अपनी बात रखने का अंतिम अवसर दिया और उनका पक्ष सुना। करीब 3 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद सभी नेताओं के निराधार करार देते हुए अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने यह फैसला सुनाया।

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