सुनीता वापस आई, अब अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने को तैयार, जानिए क्या बना प्लान

नई दिल्ली । भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद बुधवार सुबह स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के द्वारा धरती पर सुरक्षित लौट आई हैं। स्पेसएक्स के ड्रैगन यान की सफल वापसी के बाद अब दुनिया की नजर आगामी एक्सियम मिशन 4 (एएक्स-4) पर टिकी है, इसमें भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी। वसंत 2025 में लांच होने वाले निजी अंतरिक्ष मिशन में पहली बार भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट और गगनयान मिशन से जुड़े अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) भेजा जाएगा। यह मिशन नासा के केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के ड्रैगन यान के जरिए रवाना होगा और करीब 14 दिनों तक चलेगा।


एएक्स-4 मिशन में शुक्ला के अलावा, नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन कमांडर की भूमिका निभाएंगी। उनके साथ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अंतरिक्ष यात्री सावोश उजनांस्की-विस्नीवस्की (पोलैंड) और तिबोर कापू (हंगरी) भी शामिल रहने वाले है। यह टीम अंतरिक्ष में विभिन्न वैज्ञानिक रिसर्च, शैक्षिक गतिविधियां और व्यावसायिक परियोजनाओं में शामिल होगी। यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री निजी मिशन के तहत आईएसएस पर जाएगा। भारत और निजी अंतरिक्ष अभियानों के लिए बड़ी उपलब्धि एएक्स-4 मिशन न केवल अंतरिक्ष में निजी कंपनियों की बढ़ती भागीदारी को दिखाता है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के बीच इसरो और नासा के सहयोग को मजबूत करता है। नासा की आईएसएस प्रोग्राम मैनेजर डाना वेइगेल ने कहा, निजी अंतरिक्ष मिशन माइक्रोग्रैविटी रिसर्च के लिए नए मौके पैदा करने के साथ-साथ मानव अंतरिक्ष उड़ान की पहुंच को भी व्यापक बना रहे हैं।


क्योंकि इससे मिलने वाले अनुभवों को भारत के गगनयान मिशन में भी इस्तेमाल किया जाएगा। भारत की यह ऐतिहासिक भागीदारी भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण और व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा के दरवाजे खोल सकती है। एशिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना एक्सियम स्पेस कंपनी भविष्य में दुनिया का पहला निजी स्पेस स्टेशन विकसित करने की योजना बना रही है और एएक्स-4 मिशन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एएक्स-4 मिशन की तैयारियां जोरों पर हैं और भारत के शुक्ला की ऐतिहासिक यात्रा को लेकर उत्साह लगातार बढ़ रहा है। यह मिशन वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष अभियानों में भारत की भागीदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला साबित हो सकता है।


सुनीता की वापसी और शुभांशु शुक्ला की आगामी यात्रा भारत के अंतरिक्ष इतिहास में नए अध्याय जोड़ रही हैं। जहां सुनीता ने अपनी अद्भुत अंतरिक्ष यात्रा के साथ एक मिसाल कायम की है, वहीं शुभांशु भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

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