सुरेश रैना का खुलासा, 100वें शतक के बाद सचिन तेंदुलकर ने ड्रेसिंग रूम में कहीं थी ये बात

बल्लेबाजी के दिग्गज सचिन तेंदुलकर एकमात्र ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाए हैं. हालांकि, इस खास उपलब्धि को हासिल करने के लिए बल्लेबाज को काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि 99 टन अपने नाम करने के बाद उन्हें अपने 100वें शतक तक पहुंचने में एक साल लग गया. भारत के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना, जो सचिन को उनके ऐतिहासिक मील के पत्थर के लिए बधाई देने वाले पहले व्यक्ति थे, उन्होंने तेंदुलकर की मानसिक स्थिति का वर्णन किया, जब उन्होंने 100वां शतक लगाया.

On This Day In 2012, Sachin Tendulkar Scored His 100th International Century  | Cricket News


सचिन ने 16 मई 2012 को बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप के दौरान अपना 100 वां शतक बनाया. वह सुरेश रैना के साथ 86 रन की साझेदारी में शामिल थे और अपने शतक पूरा करने के दौरान ऑलराउंडर शाकिब अल हसन की गेंद पर सिंगल लिया. पूर्व भारतीय कप्तान ने उस दिन 114 रनों की यादगार पारी खेली थी.

रैना ने शतक बाद में सचिन के साथ हुई बातचीत का खुलासा करते हुए कि शतक के बाद सचिन ने उन्हें बताया कि इस प्रतिष्ठित पल का इंतजार करते हुए उनके बाल भूरे(सफ़ेद) हो गए थे.

Raina warns against spreading misinformation on COVID-19 - DTNext.in

क्रिकइनफो से बातचीत के दौरान सुरेश रैना ने बताया, “जब उन्होंने शाकिब अल हसन की गेंद पर सिंगल लेकर यह उपलब्धि हासिल की थी तब मैंने उन्हें बधाई देते हुए कहा बहुत बढ़िया पाजी, काफी महीनों से इसका इंतजार था.”

रैना ने आगे बताया, “पाजी(सचिन) ने मेरी बात सुनकर मुझसे कहा कि इस खास पल की प्रतीक्षा में उनके बाल सफेद हो गए हैं. उस समय मैंने महसूस किया कि वह उस समय कितना मानसिक भार उठा रहे थे.”

Suresh Raina Recalls What Sachin Tendulkar Said After His 100th  International Century

बातचीत में आगे, रैना ने मैच मैदान पर क्रिकेट के भगवान साथ हुई साझेदारी की यादों को ताजा किया. 34 वर्षीय खब्बू बल्लेबाज ने 2011 के विश्व कप को सचिन तेंदुलकर के साथ अपने करियर का सबसे यादगार पल बताया.

रैना ने कहा, “एक बार जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया, तो मेरे पास पाजी के साथ कई यादगार पल थे. सबसे बड़ी स्पष्ट रूप से 2011 विश्व कप जीत रही है, लेकिन इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया में [2008] में सीबी श्रृंखला जीतना, न्यूजीलैंड में ODI और टेस्ट श्रृंखला [2008-09 में] और नंबर 1 टेस्ट टीम बनना. मैं दूसरे छोर पर था जब पाजी ने अपना 100 वां अंतरराष्ट्रीय शतक बनाया.”

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