गर्मियों का मौसम शुरु होते ही फलों का राजा आम बाजार में बिकना शुरु हो चुका है, आम खाने के शौकीन लोग इसका स्वाद ले रहे हैं, हालांकि बाजार में इस समय केमिकल से पके आमों की भरमार है, जो आपको कैंसर समेत कई दूसरी बीमारियां दे सकता है, केमिकल युक्त आमों को बेचकर व्यापारी आम के साथ-साथ गुठलियों के भी दाम वसूल रहे हैं, प्रशासन भी इस मामले में आंख मूंदकर बैठा है।
केमिकल से पका रहे
दरअसल गर्मियों में व्यापारी एथलीन और कार्बेट जैसे घातक केमिकल से आमों को पका रहे हैं, विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि किसान तथा व्यापारी जिन केमिकल से इन आमों को पकाते हैं, वो कैंसर तथा नर्वस सिस्टम को खराब करती है, कच्चे आमों को पकाने के लिये कैल्शियम कार्बाइड, एसिटलीन गैस, कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे केमिकल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को स्किन कैंसर, कोलन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन डैमेज जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है।
परंपरागत तरीके
दरअसल एक जमाना था, जब आमों को परंपरागत तरीकों से पाल में पकाया जाता था, भूसे तथा ठंडे बोरों को डालकर इन आमों को पकाया जाता था, इससे खाने वाले की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता था, लेकिन पैसों कमाने के लालच में व्यापारी आमों को जल्दी पकाने के लिये केमिकल का इस्तेमाल करने लगे।
कैसे करें पहचान
केमिकल से पके आम की पहचान करना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है, दरअसल केमिकल से पके आम कहीं पर पीले तो कभी हरे दिखाई देते हैं, जबकि प्राकृतिक रुप से पके आम में हरे धब्बे नहीं दिखते हैं, तो जिन फलों के ऊपर हरे रंग के धब्बे दिखते हैं, उनसे दूर रहे, इसके अलावा केमिकल से पकाये आम काटने पर अंदर से कहीं पीले तो कहीं सफेद दिखते हैं, जबकि प्राकृतिक रुप से पकने वाले आम पूरी तरह से पीले नजर आते हैं, वहीं केमिकल वाले फल खाने से मुंह में कसैला स्वाद आता है, मुंह में हल्की जलन भी होने लगती है, अगर आप महंगे आम खरीदते और खाते समय इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो बीमारियों को दूर रखेंगे।