सेहत पर राहत, जेब पर बचत : हेल्थ इंश्योरेंस से लेकर थर्मामीटर तक सब कुछ हुआ सस्ता, देखें लिस्ट

GST New Slabs: दिल्ली में चल रही जीएसटी काउंसिल की बैठक ने आज एक ऐसा बड़ा फैसला लिया है, जो आपकी और आपके परिवार की सेहत से जुड़ा है. सरकार ने हेल्थकेयर सेक्टर से जुड़ी कई चीजों पर जीएसटी की दरों को कम कर दिया है, जिससे अब आपका इलाज और रोजमर्रा की मेडिकल जरूरतें पूरी करना बहुत आसान और सस्ता हो जाएगा. अब 33 जीवन रक्षा दवाओं पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा.

यह फैसला खासकर मिडिल क्लास परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि अब उन्हें अपनी और अपने परिवार की सेहत पर पहले से कम खर्च करना होगा. आइए देखते हैं, क्या-क्या हुआ सस्ता.

हेल्थ इंश्योरेंस पर सबसे बड़ी राहत

GST काउंसिल ने जो सबसे बड़ा फैसला लिया है, वह है हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी की दर को 18% से घटाकर 0% (Nil) कर देना. इसका मतलब है कि अब आपको इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा.

सोचिए, पहले अगर आप ₹10,000 की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते थे, तो उस पर ₹1,800 जीएसटी लगता था. लेकिन अब आपको पूरे ₹1,800 की बचत होगी. इससे इंश्योरेंस खरीदना और भी सस्ता हो जाएगा, और ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी सेहत की सुरक्षा कर पाएंगे. यह एक ऐसा कदम है जो हर परिवार को आर्थिक सुरक्षा देगा.

रोजमर्रा के मेडिकल सामान हुए किफायती

सिर्फ इंश्योरेंस ही नहीं, बल्कि उन चीजों पर भी जीएसटी कम हुआ है जो हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं.

थर्मामीटर

पहले इस पर 18% जीएसटी था, जो अब घटकर सिर्फ 5% रह गया है.

मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन

इस पर भी जीएसटी 12% से घटकर 5% हो गया है. यह फैसला उन लोगों के लिए बहुत अहम है जिन्हें सांस लेने से जुड़ी समस्या है.

डायग्नोस्टिक किट और रिएजेंट्स

बीमारियों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इन सामानों पर भी जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है.

ग्लूकोमीटर और टेस्ट स्ट्रिप्स

डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक बहुत बड़ी राहत है. अब इन पर भी जीएसटी 12% से घटकर 5% हो गया है, जिससे उनकी जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा.

चश्मे

नजर सुधारने वाले चश्मों पर भी जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिसका फायदा हर उम्र के लोगों को मिलेगा.

यह फैसला क्यों है खास?

यह फैसला सिर्फ जीएसटी कम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि सरकार की एक बड़ी सोच को दिखाता है. यह कदम कई वजहों से लिया गया है.

हर किसी के लिए सस्ती सेहत

सरकार चाहती है कि हर नागरिक को इलाज और स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से मिलें. जब हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स हटेगा, तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे खरीद पाएंगे और आपात स्थिति में उन्हें आर्थिक सुरक्षा मिलेगी. यह सीधे-सीधे देश में स्वास्थ्य बीमा को बढ़ावा देने का कदम है.

दवा और इलाज की लागत में कमी

महामारी के बाद मेडिकल सामान और सेवाओं की कीमतें काफी बढ़ गई थीं. इस जीएसटी कटौती से उन चीजों के दाम कम होंगे, जो रोजमर्रा की सेहत के लिए जरूरी हैं. ग्लूकोमीटर या थर्मामीटर जैसी चीजों पर भी टैक्स कम करना दिखाता है कि सरकार छोटी-छोटी, लेकिन जरूरी चीजों पर भी ध्यान दे रही है.

बिमारी से पहले देखभाल को बढ़ावा

इस फैसले का एक और मकसद लोगों को बीमारी से पहले देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करना है. जब डायग्नोस्टिक किट और ग्लूकोमीटर जैसी चीजें सस्ती होंगी, तो लोग अपनी जांच नियमित रूप से करा सकेंगे. यह लोगों को बीमारी का जल्दी पता लगाने और उसका बेहतर इलाज करने में मदद करेगा, जिससे लंबी अवधि में इलाज का खर्च भी कम होगा.

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