स्वास्थ्य विभाग की भर्ती में कोविड वारियर्स की क्यों हो रही अनदेखी : हाइकोर्ट

–कोर्ट ने सीएमओ आजमगढ़ से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा

प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से पूछा कि स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती में कोविड वारियर्स की अनदेखी क्यों की जा रही है।

कोविड महामारी के दौरान जान जोखिम में डालकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न पदों पर संविदा पर अपनी सेवाएं देने वाले कोविड वॉरियर्स को नौकरी से निकाल देने के प्रकरण को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आजमगढ़ से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि हलफनामा नहीं दिया तो कोर्ट डायरेक्टर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, लखनऊ को तलब करेगी।

बृजेश कुमार एवं रामानुज समेत अन्य याचियों की ओर से उनके अधिवक्ताओं द्वारा न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ के समक्ष बहस की गई कि कोविड वॉरियर्स की मुश्किल समय में उत्कृष्ट देश सेवा को सम्मान देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार पुनर्नियुक्ति में प्राथमिकता दिया जाना आवश्यक है। ताकि इन कोरोना कर्मियों से लगातार काम लिया जा सके।

किंतु आजमगढ़ समेत कई जनपदों में इन कर्मियों की सेवा समाप्त कर नए अभ्यर्थियों की नियुक्ति मनमाने तरीके से शासन की मंशा के विरुद्ध की जा रही है। स्वीपर, वार्ड बॉय, आया एवं टेक्नीशियन जैसे पदों पर कार्यरत रहे कर्मियों के समक्ष जीवन यापन का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

शासनादेशों के बावजूद ऐसे कर्मियों की पुनर्नियुक्ति नहीं की जा रही है। किंतु नए अभ्यर्थी संविदा पर रखे जा रहे है। कोर्ट ने यह भी कहा आदेश का पालन न करने पर अगली तिथि को सीएमओ हाजिर हों। याचिका की सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।

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