हजरत इमाम हुसैन की शहादत के 40 दिन पूरे होने पर चेहलुम का किया आयोजन

मंगलौर। नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन की शहादत के 40 दिन पूरे होने पर चेहलुम का आयोजन किया गया। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत किसी प्रकार का कोई जुलूस आदि नहीं निकाला गया लेकिन इमामबाड़ों में हजरत इमाम हुसैन तथा उनके साथ शहीद हुए साथियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गये। लोगों ने हजरत इमाम हुसैन की याद में मजलिस का आयोजन कर उनकी शहादत को याद किया तथा देश में दुनिया में सुख और शांति की दुआ मांगी।

हजरत इमाम हुसैन सन 61 हिजरी में इराक स्थित कर्बला में जालिम शासक द्वारा शहीद कर दिए गए थे। उनके साथ उनके परिवार के लोग भी थे तथा कुछ साथी भी थे, सभी तीन दिनों के भूखे प्यासे थे। एक तरफ मात्र 72 लोग थे जिनमें बच्चे भी शामिल थे जबकि दूसरी ओर लाखों की फौज मौजूद थी। मंगलवार को स्थानीय मोहल्ला पठानपुरा स्थित बड़े इमामबाड़े पर हजरत इमाम हुसैन के चेहलुम की मजलिस का आयोजन हुआ। मजलिस की शुरुआत तिलावत ए कुरान ए पाक से हुई जिसके बाद मजलिस को शेरकोट बिजनौर उत्तर प्रदेश से पधारे मौलाना सैयद हैदर अब्बास रजा ने संबोधित किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन के पास गैर मुस्लिम भी आते थे जिनके लिए वह खुदा से दुआ भी करते थे और अपनी तरफ से उनकी मदद भी करते थे कि वह किसी भी धर्म का मानने वाला हो लेकिन वह सबसे पहले इंसान है। यदि दुनिया में इंसानियत बाकी है तो हर धर्म बाकी रहेगा यदि इंसानियत बाकी नहीं रहेगी तो कोई धर्म अस्तित्व में नहीं रह सकता। इस मौके पर बारगाह ए बाबुल मुराद, बारगाह ए जैनबिया तथा दरबारे हुसैन में भी मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें हजरत इमाम हुसैन तथा उनके साथियों की शहादत को याद कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गये। मजलिसों चांद मियां, आदिल मंगलौरी, मीर जमीर, रौनक जैदी, पूर्व प्रबंधक सैयद रियाज हसन जैदी, रजब अली आरफी, मोहम्मद हुसैन वफा, हसनैन रजा जैदी, नजर अब्बास नकवी, हसन मौ आरफी, मौ आलम, दानिश जैदी, मौ अली जाफरी, तकी हैदर जाफरी, बारगाह ए जैनबिया के प्रबंधक अकील अहमद, जावेद अली जाफरी, रिहान हैदर, शमशुल हसन, दरबारे हुसैन के प्रबंधक अली मेहंदी जैदी, हयात जैदी, कौसर अब्बास जैदी, शबाब मेहंदी जैदी, युसूफ हुसैन, मौलाना मुस्तफा हुसैन, मौलाना सिब्ते हसन, मौलाना शाहवेज अब्बास जैदी, मौलाना शाकिर हुसैन, शमीम आरफी, मौ मीसम, हामिद मंगलौरी आदि शामिल रहे।