हद से ज्यादा पसंद है इंटिमेट होना तो समझिए आपको भी है ये… बीमारी

किसी भी चीज की अधिकता स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है. चाहें वह शारीरिक संबंध ही क्यों न हो. बहुत अधिक मात्रा में शारीरिक संबंध से कई तरह से साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा शारीरिक संबंध में रहने से बाइपोलर डिसऑर्डर के शिकार हो सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बाइपोलर से पीड़ित लगभग 90 प्रतिशत लोग ज्यादा शारीरिक संबंध में रहते हैं. बाइपोलर डिसऑर्डर को मैनिक डिप्रेशन भी कहा जाता है. आइए जानते हैं आखिर क्या होते हैं बाइपोलर डिसऑर्डर

बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो ज्यादा मूड स्विंग का कारण बनती है. thesun.co.uk रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा शारीरिक संबंध बनाने के कारण ब्रिटेन में दस लाख से अधिक लोग इस स्थिति से पीड़ित हैं. इस बीमारी का असर कई हफ्ता या महीनों तक रह सकता है. इस दौरान व्यक्ति की भावनाएं बार-बार बदलती रहती हैं. इस डिसऑर्डर के दौरान लोग आत्महत्या की इच्छा रखते हैं. बाइपोलर डिसऑर्डर कोई दुर्लभ बीमारी नहीं हैं. भारत देश में करीब 150 से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. 

लक्षण
बाइपोलर डिसऑर्डर के दौरान ज्यादा बातचीत, निगेटिव सोचना, अजीबो-गरीब ख्याल रखना, बहुत ज्यादा खुश होना, नींद न आना जैसे लक्षण नजर आते हैं. अगर आपको ऐसे कोई नजर आए तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें. 

इलाज
बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा किया जाता है. पहले इस बीमारी के इलाज के लिए लिथियम नामक दवा का उपयोग किया जाता था. लेकिन अब कई दवाएं उपलब्ध हैं.

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