
Agra News: उत्तर प्रदेश एटीएस (UP ATS) ने फिरोजाबाद की हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) को संवेदनशील और गोपनीय दस्तावेज भेज रहा था. एटीएस को कुछ दिनों पहले सूचना मिली थी कि एक पाकिस्तानी महिला हैंडलर, जिसे ‘नेहा शर्मा’ नाम से पहचाना गया, भारतीय सरकारी संस्थानों से जुड़े कर्मचारियों को लालच देकर उनसे महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर रही है. इसी जांच के दौरान एटीएस ने फिरोजाबाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी रविंद्र कुमार को हिरासत में लिया.
13 मार्च 2025 को आगरा एटीएस यूनिट ने रविंद्र कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि वह कई बार महत्वपूर्ण दस्तावेज ‘नेहा’ नामक आईएसआई एजेंट को भेज चुका था. रविंद्र कुमार ने स्वीकार किया कि 2024 में वह फेसबुक के जरिए ‘नेहा’ के संपर्क में आया. इसके बाद, वे व्हाट्सएप चैट, वीडियो कॉल और अन्य माध्यमों से बातचीत करने लगे. ‘नेहा’ ने उसे लालच देकर भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की संवेदनशील जानकारी मांगनी शुरू की, जिसे उसने समय-समय पर शेयर भी किया.
Lucknow | UP ATS issues a press release regarding a person named Ravindra Kumar, who was sharing all the sensitive information with the Pak ISI handler. The said person is under interrogation at present.
— ANI (@ANI) March 14, 2025
(The press release also contains the picture of Ravindra Kumar) https://t.co/CbbyNWNTNi pic.twitter.com/W1jD61eN9i
गोपनीय जानकारी हासिल करना चाहती है पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी
यूपी एटीएस के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से यह जानकारी मिल रही थी कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हैंडलरों द्वारा छद्म नामों के जरिए विदेश मंत्रालय और भारत सरकार के कर्मचारियों को बहला फुसलाकर और धन का लालच देकर भारतीय सेना और अन्य सरकारी संगठन और कार्यालयों से संबंधित गोपनीय जानकारी और दस्तावेज हासिल किए जा रहे हैं. इससे भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा पर बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है. इसी कड़ी में रविंद्र कुमार, जो फिरोजाबाद के हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करता है, को गिरफ्तार किया गया है. वह फेसबुक से दोस्त बनी एक पाकिस्तानी एजेंट को संवेदनशील और गोपनीय जानकारी भेजता था.
2006 से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम कर रहा रविंद्र कुमार
रविंद्र कुमार 2006 से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम कर रहा है. वह 2009 से हजरपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में चार्जमैन के पद पर तैनात है. पिछले साल जून-जुलाई में उसकी दोस्ती पाकिस्तानी एंजेंट या हैंडलर नेहा शर्मा से फेसबुक के जरिए हुई. धीरे-धीरे रविंद्र की नेहा से वाट्सएप पर बात होने लगी. दोनों ऑडियो और वीडियो कॉल करने लगे. नेहा ने उसे मालामाल करने का लालच दिया, जिससे वह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की गोपनीय जानकारियां उसे भेजने लगा.
रविंद्र कुमार के पास से क्या बरामद हुआ?
गिरफ्तारी के बाद, एटीएस ने रविंद्र कुमार के पास से 1 मोबाइल फोन, 1 आधार कार्ड, 1 वोटर कार्ड, 1 पैन कार्ड, 3 एटीएम/डेबिट कार्ड, 6,220 रुपये की नकद राशि और मोबाइल फोन से 5 गोपनीय दस्तावेज बरामद किए. बरामद गोपनीय दस्तावेज में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हजरतपुर फिरोजाबाद की 2025 की ‘डेली प्रोडक्शन रिपोर्ट’ , जिसमें इसरो का महत्वाकांक्षी गगनयान प्रोजेक्ट, गोपनीय जानकारी और स्टोर की रिसीप्ट (प्राप्ति) शामिल है.
रविंद्र कुमार के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज
रविंद्र कुमार के खिलाफ थाना एटीएस, लखनऊ में मु.अ.सं. 01/2025 , धारा 148 बीएसएस 2023, 3/4/5 शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अभियुक्त को न्यायालय में पेश किया जाएगा. आगे की जांच जारी है.
एडीजी नीलाब्जा चौधरी ने क्या कहा?
एडीजी यूपी एटीएस नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि यूपी एटीएस और उनकी सहयोगी एजेंसियों को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति, रविंद्र कुमार, अपने पाकिस्तानी आईएसआई हैंडलर के साथ विभिन्न गोपनीय और संवेदनशील जानकारियाँ साझा कर रहा था. इस सूचना के आधार पर हमारी आगरा इकाई ने प्रारंभिक पूछताछ की और फिर उसे विस्तृत पूछताछ के लिए एटीएस मुख्यालय बुलाया गया. पूछताछ में यह साबित हुआ कि उसने ‘नेहा’ नामक एक हैंडलर के माध्यम से अत्यंत संवेदनशील जानकारी साझा की थी.
#WATCH | Lucknow | ADG UP ATS Nilabja Choudhary says, "ATS UP and their associate agencies got info that there is a person named Ravindra Kumar was sharing different confidential and sensitive information with his Pak ISI handler. So, working on this, our Agra unit did a… pic.twitter.com/kzZBxUuKkM
— ANI (@ANI) March 14, 2025
‘आईएसआई मॉड्यूल लंबे समय से सक्रिय है’
नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि यह आईएसआई मॉड्यूल लंबे समय से सक्रिय है और लोगों को जाल में फंसाकर उनसे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न होता है. पूछताछ के दौरान पता चला कि उसने समय-समय पर संवेदनशील जानकारी साझा की, जिसमें उस ऑर्डनेंस फैक्ट्री (जहाँ वह कार्यरत था) की दैनिक उत्पादन रिपोर्ट, स्टोर की प्राप्ति, गोपनीय दस्तावेज, आने वाले स्टॉक की जानकारी और विभिन्न आवश्यकताओं से जुड़ी जानकारी शामिल थी.
एडीजी एटीएस ने सभी संवेदनशील संस्थानों से अनुरोध किया कि वे अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं और एसओपी (SOPs) को अपडेट करें और हमारे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के सभी अधिकारियों को सतर्क करें. साथ ही, अपने कर्मचारियों की न्यूनतम सुरक्षा जांच सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.