नई दिल्ली । डॉक्टरों की माने तो अगर हम पर्याप्त नींद नहीं लेते तो इससे हमारे शरीर को तो नुकसान पहुंचता ही है। साथ ही हमारी पूरी दिनचर्या पर भी असर पड़ता है। हर किसी को कम से कम 7 से 9 नौ घंटे तक की नींद लेने की सलाह देते हैं। वहीं एक शोध में यह भी सामने आया है जो लोग देर रात तक जागते हैं उनमें हृदय रोग और मधुमेह का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
देर रात तक जगने से हमारे शरीर के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसी की वजह से हम की तरह की बीमारियों से भी ग्रसित हो जाते हैं। एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग रात के समय अधिक देर तक जागते हैं उनमें डायबिटीज और हार्ट रोगों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि उनमें वसा अधिक मात्रा में जमा होने लगती है।
नींद न पूरी ने की वजह से की बार हमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी बीमारी भी हो जाती है जिसके बाद सर्दी, जुकाम, और फ्लू होने का भी खतरा बढ़ जाता है। बढ़ते हुए वजन या फिर मोटापे का भी एक कारण देर रात तक जगना है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह पाया कि जो लोग लोग जल्दी उठते हैं वे अधिक एनर्जी के लिए वसा पर निर्भर रहते हैं और भारी मात्रा में वसा युक्त पदार्थों का सेवन करते हैं लेकिन वे दिनभर सक्रिय रहते हैं जिससे ऊर्जा खर्च होती है लेकिन जो लोग देर रात तक जागते हैं और देर में उठते हैं उनके द्वारा दिनभर में उतनी ऊर्जा का खपत नहीं हो पाता और शरीर में वसा जमने लगती है।
ऐसे में टाइप-2 मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है।कम नींद लेना का हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते तो इसका हमारे रूटीन पर असर पड़ता है और हमारा शरीर संक्रामक बीमारियों से लड़ने में कमजोर होने लगता है और आप के जल्दी बीमार होने का खतरा बढ़ जता है। पूरी तरह से नींद न लेने का सबसे बुरा असर हमारे हार्ट पर पड़ता है। कम नींद लेने वालों हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से दिल की बीमारी और स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ जाता है। नींद की बीमारी कभी भी अवसाद का कारण नहीं होती लेकिन अगर आपको नींद नहीं आती तो इससे डिप्रेशन होने होने की संभावना अधिक होती है।
नींद न आने की वजह से कई तरह के मानसिक विकार भी उत्पन्न हो जाते हैं। लंबे समय तक जागने से डिप्रेशन महसूस होने लगता है। डायबिटीज मौजूदा समय में एक आम बीमारी बन चुकी है। इसके कई कारण हो सकते हैं। कई बार यह आनुवांशिक तौर पर ट्रांसफर होती है तो कई बार हमारी खराब जीवनशैली की वजह से हम इससे ग्रसित हो जाते हैं। पर्याप्त नींद न लेने की वजह से शुगर लेवल बढ़ जाता है। नींद नहीं पूरी होने की वजह से ब्लड प्रेशर की दिक्कत भी बढ़ने की संभावना रहती है।