हाथरस मामले में वांछित PFI नेता रऊफ शरीफ केरल से गिरफ्तार, देश छोड़कर भागने की थी तैयारी

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शनिवार (दिसंबर 12, 2020) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के युवा नेता रऊफ शरीफ को हिरासत में ले लिया। रऊफ शरीफ देश छोड़कर भागने की फिराक में था, मगर ED ने समय रहते कार्रवाई की और उसे धर दबोचा।

केरल से हुई गिरफ्तारी

ED के सूत्रों के अनुसार, शरीफ को केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया है। आरोपित पुलिस को चमका देकर फरार होने की फिराक में था, लेकिन सरकारी एजेंसी ने तत्पर कार्रवाई करते हुए उसकी इस योजना पर पानी फेर दिया।

ED detains PFI youth leader Rauff Sheriff from Kerala airport while he was trying to flee country

मीडिया रिपोर्ट में ED के हवाले से कहा गया है कि शरीफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वांछित है। आरोप है कि रऊफ शरीफ के खाते में ओमान और कतर से दो करोड़ रुपए आए थे। यह भी आरोप है कि इन पैसों का प्रयोग असामाजिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। शरीफ से पूछताछ के लिए जाँच एजेंसियों ने उसे नोटिस भी जारी किए थे लेकिन जाँच एजेंसियों के नोटिसों से खुद को बचा रहा था। वह कोरोना महामारी का बहाना बनाकर काफी समय से छिपा हुआ था।

जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की आड़ में दंगा भड़काने की साजिश में 05 अक्टूबर को कई लोगों को मथुरा से गिरफ्तार किया गया था। इनमें आरोपित अतीकुर्रहमान और मसूद को दंगा भड़काने की साजिश में आर्थिक मदद और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए केरल निवासी रऊफ शरीफ की भूमिका सामने आई थी। इसके बाद लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। रऊफ शरीफ मस्कट जाने की फिराक में था, जिसे एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया है। CFI के महासचिव रउफ शरीफ पर देश-विदेश से करोड़ों रुपए की फंडिंग प्राप्त होने और उसका प्रयोग सामाजिक वैमनस्यता और दंगो को भड़काने में करने का आरोप है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी के मुताबिक उत्तर प्रदेश पुलिस को भी हाथरस मामले में उसकी तलाश है और वह उस मामले में भी वांछित है। हाथरस में हुई बड़ी साज़िश, घूँघट वाली भाभी से लेकर तमाम ‘चर्चित चेहरों’ ने PFI की लिखी हुई स्क्रिप्ट पढ़ी। प्रदेश में नफरत फैलाने और जातीय दंगा भड़काने के लिए उसे विदेशों से कोरड़ों रुपए मिले थे।

गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल मेम्बर करमना अशरफ मौलवी के तिरुअनंतपुरम स्थित पूंथुरा आवास पर छापा मारा था। ईडी ने साल 2018 के दौरान पीएफ़आई के कई सदस्यों पर धन शोधन निरोधक अधिनियम (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया था। इसके अलावा कोज़ीकोड़े, मल्लापुरम और एर्नाकुलम स्थित पीएफ़आई नेताओं के आवासों पर भी छापा मारा गया। 

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