नई दिल्ली : जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुए नए अध्ययन के अनुसार, ओमेगा-3 इकोसापैनटोइनिक एसिड (ईपीए) से भरपूर खाद्य पदार्थों से हार्ट अटैक के मरीजों के लिए मौत का खतरा कम किया जा सकता है। सीफूड जैसे फैट से भरपूर मछली में ओमेगा -3 ईपीए मिलता है, जबकि पौधों से मिलने वाले अल्फा-लाइनोलेनिक एसिड (एएलए) जैसे अखरोट को दिल भी का दौरा झेल चुके मरीजों की हालत में सुधार से जोड़ा जाता था, जिसमें मौत का जोखिम कम होना भी शामिल है। एएलए और ईपीए, दोनों तरह के ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलता है। जब दोनों तरह के ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है तो ये एक साथ मिलकर शरीर पर बेहतरीन प्रभाव छोड़ते हैं। इसमें सेहत की सुरक्षा करने की अनोखी विशेषताएं होती हैं।
कैलिफोर्निया वॉलनट कमिशन की ओर से की गई ऑब्जर्वेशनल स्टडी और इसी पब्लिकेशन में “ए रिवोल्यूशन इन ओमेगा -3 फैटी एसिड रिसर्च” के शीर्षक से प्रकाशित संपादकीय में 944 भागीदारों को शामिल किया गया था, जो गंभीर दिल के दौरे का सामना कर चुके थे। इससे उनके हृदय की एक धमनी ब्लॉक हो गई थी। डॉक्टर इस स्थिति को एसटी-सेग्मेंट मायोकार्डियल इन्फ्रेक्शन (एसटीईएमआई) कहते हैं, जबकि उपभोक्ता इसके लिए “विडो मेकर हार्ट अटैक” की टर्म से ज्यादा परिचित हो सकते हैं।
स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता हॉस्पिटल डेल मेर मेजिल रिसर्च इंस्टिट्यूट (आईएमआईएम) और बार्सिलोना बीटा रिसर्च सेंटर के रिसर्च असोसिएट डॉ. एलेक्स सला-विला ने विस्तृत विवरण देते हुए कहा,
“हार्ट अटैक अभी भी बहुत आम बात है। मरीज को जीवित रखने के लिए किए जा रहे ट्रीटमेंट के अलावा शोधकर्ता दिल के दौरे के बाद मरीजों के जीवन को सुरक्षित बनाने और उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाने की दिशा में नई-नई खोज करने में जुटे है। इस रिसर्च में सबसे नई बात यह है कि एएलए और ईपीए दिल का दौरा झेल चुके मरीजों की लंबे समय के लिए हालत में सुधार के लिए साझीदार दिखाई देते हैं। समुद्री और पौधे से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों, जैसे साल्मन मछली, अखरोट और अलसी के बीज दिल के मरीजों को बेहतरीन सुरक्षा का ऑफर देते हैं।“
इस स्टडी के लिए उन मरीजों के अस्पताल में भर्ती कराने के समय ब्लड सैंपल लिए गए, जिनकी औसत उम्र 61 वर्ष थी और जिनमें 78 फीसदी पुरुष शामिल है। इन शोधकर्ताओं ने मरीजों के ब्लड में ओमेगा-3 एस का लेवल तय किया। जिन हफ्तों में मरीज को दिल का दौरा पड़ा था, उस दौरान उनमें ओमेगा-3 के सेवन की जांच की गई। यह एक विश्वसनीय तरीका था। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने यह खोज भी की कि दिल के दौरे के समय जिन मरीजों के ब्लड लेवल में ओमेगा-3 प्रचुर मात्रा में मौजूद था, क्या उनमें हार्ट अटैक के बाद पैदा होने वाली परेशानियों का जोखिम कम था। इसके लिए इन मरीजों की सेहत पर तीन साल तक निगरानी रखी गई।
शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से पाया कि जिन मरीजों के ब्लड लेवल में एएलए ज्यादा पाया गया, उनमें तीन साल तक सभी कारणों से मौत होने का जोखिम कम था। इसके अलावा जिन मरीजों में ईपीए का उच्च स्तर था, उनमें मौत का रिस्क कम था। उन्हें दिल की बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल में दोबारा भर्ती कराने की भी जरूरत कम पड़ी।
भारत में कार्डियोवस्कुलर रोग (सीवीडी) मरीजों की मौत होने का प्रमुख कारण है। भारत में दिल के रोग और इससे जुड़े कारकों का जोखिम बढ़ने की जगह से यह संक्रमण महामारी की तरह तेजी से फैल रहा है। 2016 में एक अनुमान के आधार पर भारत में दिल के रोगियों की संख्या 54.5 मिलियन थी। इस समय दिल के रोगों और दिल तक पर्याप्त ब्लड और ऑक्सीजन न पहुंचने और दिल के दौरों के कारण चार में से एक आदमी की मौत होती है। यह दर 80 फीसदी या इससे अधिक है। ये रोग मरीजों की जिंदगी के सबसे उत्पादक वर्षों पर अपना प्रभाव डालते हैं, जिनके काफी विनाशकारी सामाजिक और आर्थिक परिणाम होते हैं।
पद्मश्री डॉ. मोहसिन वाली, एमिनेंट कार्डियोलॉजिस्ट ने स्टडी के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अखरोट को दिल के लिए स्वास्थ्यवर्धक खाद्य1 पदार्थ के रूप में पहचाना गया है। इस पर की गई 30 वर्षों की रिसर्च के दिल की सेहत के लिए काफी पॉजिटिव नतीजे सामने आए हैं। कोलस्ट्रोल, ब्लडप्रेशर, जलन, रक्तवाहिकाओं की अंदरूनी सतह की कार्यप्रणाली (एंडोतेलाइल फंक्शन) और प्लेक बनने के आधार पर यह शोध किया गया। अखरोट पौधे से प्राप्त होने वाला इकलौता ऐसा नट है, जो प्लांट-ओमेगा-3 का काफी अच्छा स्त्रोत है। 28 ग्राम अखरोट में 2.5 ग्राम ओमेगा-3 एएलए मिलता है। सेहतमंद जिंदगी जीने के लिए हर किसी को अपने खाने के तौर-तरीकों में बदलाव करना चाहिए। रोजाना के खाने में फल और सब्जियां शामिल होनी चाहिए। आप दिल को स्वस्थ रखने वाले पदार्थों से भरे हुए अखरोट जैसे स्नैक्स और उससे बने पदार्थों का सेवन भी कर रहे हैं। अपने रोजाना के खाने में 28 ग्राम अखरोट को शामिल करना दिल को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी तत्व हैं।” हालांकि, यह नतीजे उत्साहवर्धक है, लेकिन इससे कारण और प्रभाव साबित नहीं होता। यह जानने के लिए एक अतिरिक्त रिसर्च करने की जरूरत है कि क्या ईपीए और एएलए का सेवन नतीजों में विशेष रूप से अपना योगदान देता है या इससे संबंधित अन्य कारक, जैसे आर्थिक स्थिति, शिक्षा और फार्मालॉजिकल ट्रीटमेंट नतीजों पर प्रभाव डालते हैं। फैट से भरपूर मछली से मिलने वाला ओमेगा 3 डोकोसाहेक्साइयोनिक एसिड (डीएचए) इस स्टडी का हिस्सा नहीं था।