मेरठ की रामकथा में स्वामी रामभद्राचार्य का बड़ा बयान, मचा सियासी हंगामा
उत्तर प्रदेश के मेरठ के विक्टोरिया पार्क में जगद्गुरु रामभद्राचार्य की रामकथा चल रही है। कथा के सातवें दिन रविवार को उन्होंने ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीति और समाज दोनों में चर्चा छेड़ दी है।
रामभद्राचार्य ने कहा कि सनातन धर्म में बेटियों को देवी का स्वरूप माना जाता है, जबकि दूसरे धर्मों में उन्हें सिर्फ ‘बेबी’ कहा जाता है। उन्होंने शिक्षा को लेकर भी हिंदू समाज से अपील की। उनका कहना था कि बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल या मदरसों की बजाय संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाना चाहिए ताकि वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़ें।
मेरठ
स्वामी रामभद्राचार्य का विवादित बयान – “हिंदुओं में बेटियां देवी, बाकी जगह बेबी।”
इस्लाम धर्म पर टिप्पणी करते हुए कहा – “महिलाओं की होती है दुर्गति, 25 बच्चे और फिर तीन तलाक।”
बोले – “बच्चों को मदरसे व कान्वेंट में न भेजें, सरस्वती विद्यालय भेजें।”
बच्चों को शिवाजी, महाराणा… pic.twitter.com/2qlaJ0czQz— India News UP/UK (@IndiaNewsUP_UK) September 15, 2025
इस्लाम धर्म पर निशाना
कथा के दौरान उन्होंने इस्लाम धर्म पर भी टिप्पणी की। उनका आरोप था कि इस्लाम में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने कहा – “महिलाओं से कई बच्चे पैदा कराए जाते हैं और फिर तीन तलाक देकर छोड़ दिया जाता है।”
इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि बच्चों को मदरसे या कान्वेंट की पढ़ाई के बजाय वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप और मंगल पांडे जैसे महानायकों से प्रेरणा दिलाने के लिए उन्हें सरस्वती विद्यालयों में भेजें।
पहले भी दे चुके हैं बयान
रामभद्राचार्य इससे पहले भी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं। हाल ही में उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को ‘मिनी पाकिस्तान’ करार दिया था, जिस पर पहले ही विवाद खड़ा हो चुका है।
सियासी घमासान तेज
रामभद्राचार्य के ताजा बयान पर राजनीति भी गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने उन पर देश तोड़ने वाला बयान देने का आरोप लगाया है। वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह उनका निजी विचार है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधते हुए कहा कि वह कुछ नहीं बोलेंगे, क्योंकि अगर उन्होंने कुछ कहा तो विवाद और बढ़ेगा। उन्होंने कहा स्वामी रामभद्राचार्य दिव्यांग हैं, इसलिए उनके प्रति सम्मान बना रहना चाहिए।