बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक प्रकाश मेहरा को इज्जत देते हुए इंडस्ट्री में पीएम कहा जाता था. बतौर निर्देशक प्रकाश मेहरा काफी बेहतरीन थे लेकिन एक इंसान के रूप में उन्हें काफी शॉर्ट टेम्पर्ड माना जाता रहा है. अगर वो किसी से चिढ जाते थे तो उसको कैसे भी सबक सिखाकर ही मानते थे. एक बार हेमा मालिनी को भी मेहरा के इस गुस्से का शिकार होना पडा.
दरअसल 1974 में मेहरा ने विनोद खन्ना, रणधीर कपूर और हेमा मालिनी को लेकर फिल्म ‘हाथ की सफाई’ की शूटिंग शुरू की. हेमा शुरुआत से ही अपने रोल को लेकर अपसेट थी और कई बार वो मेहरा से सामने अपनी नाखुशी जाहिर कर चुकी थी. धीरे-धीरे जब हेमा की नाराजगी बढ़ने लगी तो मेहरा काफी खफा हो गए और उन्होंने हेमा को सबक सिखाने का फैसला किया.
मेहरा ने हेमा को सबसे पहला फरमान ये सुनाया कि वो सुबह 9 बजे किसी भी हालत में सेट पर पहुँच जाएं. निर्देशक का आदेश था इसलिए हेमा को मानना ही पडा. हेमा सुबह टाइम पर पहुँच भी गई. लेकिन मेहरा ने पूरे दिन हेमा का कोई सीन शूट नहीं किया और शाम को घर जाने को कह दिया. ये मेहरा का रोज का शेड्यूल बन गया.
वो सुबह से ही हेमा को सेट पर बुलाते और विनोद खन्ना और रणधीर कपूर के साथ शूटिंग करते रहते. आखिरकार एक दिन हेमा को सब्र जवाब दे ही गया और नाराज हेमा, मेहरा को बिना बताए सेट से चली गई. मेहरा को जब पता चला तो उन्होंने आसमान सर पर उठा लिया. मेहरा ने हेमा को कोर्ट में घसीटने की तैयारी कर ली.
कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक़ हेमा को डेट्स के मुताबिक़ सेट पर मौजूद रहना था भले ही शूट हो या नहीं हो. मेहरा ने इसे ही हथियार बना लिया और कोर्ट का नोटिस हेमा को थमा दिया. मामला बढ़ते देख विनोद खन्ना बीच में आए जिनके दोनों के साथ अच्छे संबंध थे. विनोद के समझाने पर हेमा मालिनी ने मेहरा से माफी मांग ली और इस मामले को यहीं ख़त्म कर दिया गया.