
बरेली। कोविड-19 के बीच टीबी का संक्रमण भी बढ़ रहा है। इस माह में दस दिन तक चले टीबी खोज रोगी अभियान में 102 नए मरीज मिले।इस दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर सुधीर कुमार गर्ग ने बताया अभियान के तहत नौ मेडिकल ऑफिसर के मानीटरिंग में 41 सुपरवाइजार और 204 टीमों का गठन कर एक टीम में तीन सदस्यों द्वारा 5 लाख 8 हज़ार 695 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी।
जिसमें से 1550 सैम्पल लिए गए और उनमें 102 संक्रमित मिले।जिसमें टीबी रोग के लक्षण मिलने पर उनका इलाज शुरू किया गया। वही जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार गर्ग ने बताया कि क्षय रोगी अभियान में (ए.सी.एफ ) जनपद की कुल 49.35 लाख जनसंख्या के 10 प्रतिशत चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में चलाया गया। इस दौरान डॉ. गर्ग ने टीबी से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि ट्यूबरक्लोसिस(टी.बीमाइकोबैक्टीरियमट्यूबरक्लोसिस)नामक जीवाणु से होने वाला रोग है।इसका इलाज़ न लेने पर ,एक क्षय रोगी एक साल में अपने संपर्क में आने पर 10 से 12 स्वस्थ व्यक्तियों में क्षय रोग फैला सकता है |
इसी कड़ी को तोड़ने के लिए क्षय रोगी अभियान चलाया गया। इस बीच उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि क्षयरोग और कोरोना दोनों बीमारियों के लक्षण समान दिखते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कोई भी लक्षण हैं तो उसे कोरोना और क्षयरोग दोनों बीमारियों टेस्ट कराना आवश्यक है।
वही क्षय रोग के मुख्य लक्षण भी बताए गए
दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खांसी का आना,
खांसी के साथ बलगम का आना, बुखार के साथ विशेष रूप से शाम को बढ़ने वाला वज़न का घटना,
भूख कम लगना,
सीने में दर्द,
बलगम के साथ खून आना। वही जीवाणु रोगी के खांसने, छींकने और थूकने से हवा में फैल जाते हैं और सांस के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ो में पहुंचकर टी.बी. का रोग उत्पन्न कर सकते हैं |
सावधानी बरतने की जरूरत
1-रोगी की शीघ्र जांच व पूर्ण अवधि तक इलाज़ करवाएं |
2-रोगी खांसते या छींकते समय मुंह पर मास्क ,रुमाल या साफ़ कपड़ा रखे
3-इधर उधर न थूके, केवल ढक्कनदार डस्टबिन में ही थूके |
4-इलाज़ को बीच में न छोड़े |
5–6 से 8 महीने के इलाज़ से रोगी पूरी तरह स्वस्थ एवं रोग मुक्त हो जाता है |











