दिल्ली: बुराड़ी इलाके में आज रविवार की सुबह तब मड़कम्प मच गया जब एक ही घर से 11 लोगों की लाशे रस्सी से लटकी मिली. सभी मृतक एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं. मृतकों में सात महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं. इनकी मौत कैसे हुई इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है और पुलिस के सामने भी अब सबसे बड़ी समस्या सामने आ गयी है गुत्थी यही है कि यह मामला आत्महत्या का है या हत्या का. ये अभी साफ नही हो पाया है
आत्महत्या की ओर इशारा कर रही हैं ये बातें
पुलिस ने अब तक घर के अंदर संघर्ष के किसी तरह के निशान की बात नहीं बताई है. निश्चित तौर पर 11 सदस्यों की हत्या की जाती है तो संघर्ष की स्थिति जरूर बनेगी. पुलिस ने अब तक किसी शव पर हमले या जख्म के निशान की बात भी नहीं बताई है. पड़ोसियों के मुताबिक, पूरा परिवार काफी धार्मिक था और उनकी मोहल्ले में किसी से कोई झगड़ा नहीं था. इतना ही नहीं, पड़ोसियों ने बताया कि परिवार के सदस्यों के बीच भी कभी तकरार सुनने को नहीं मिली.
जानकारी के मुताबिक, मूलतः राजस्थान का रहने वाला यह परिवार बुराड़ी के संत नगर में गुरुगोविंद सिंह हॉस्पिटल के सामने गली नंबर 2 में अपने मकान में पिछले 22-23 साल से रह रहा था. पुलिस ने बताया कि दिल्ली स्थित इस घर में एक बुजुर्ग महिला और उसके दो बेटे अपने परिवार सहित रहते थे. सभी सदस्यों के शव दो मंजिला घर की पहली मंजिल पर मिले.
हत्या की ओर इशारा कर रही हैं ये बातें
घर की सबसे बुजुर्ग महिला की गला दबाकर हत्या किया गया बताया जा रहा है. पड़ोसियों ने बताया कि घर का दरवाजा खुला हुआ था. ऐसे में शंका उठती है कि आत्महत्या करने से पहले परिवार निश्चित तौर पर दरवाजा अंदर से बंद लेता, ताकि उन्हें ऐसा करने से कोई रोक न पाए. बीती रात परिवार आम दिनचर्या में ही व्यस्त रहा और रात करीब 11.45 बजे दुकान बंद हुआ. बुजुर्ग महिला के अलावा सभी लाशें रेलिंग से एक ही जाली की रस्सी से लटकती मिली हैं.
रेलिंग से लटके मिले सभी 10 शवों की आंख पर पट्टी बंधी मिली. ऐसे में शंका पैदा होता है कि अगर पूरा परिवार सहमति से आत्महत्या कर रहा था तो आंख पर पट्टी बांधने की क्या जरूरत है. कुछ शवों के हाथ-पैर भी बंधे मिले हैं. कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है.
सभी मृतकों की पहचान हुई
परिवार के सभी सदस्यों की पहचान कर ली गई है. मृतकों में परिवार सबसे बुजुर्ग सदस्य 75 वर्षीय महिला नारायण की गला दबाकर हत्या की गई है. अन्य मृतकों में मां नारायण की सबसे बड़ी 60 साल की विधवा बेटी प्रतिभा, प्रतिभा की 30 साल की बेटी प्रियंका, मां नारायण का बड़ा बेटा 46 वर्षीय भूपि, भूपि की पत्नी 42 वर्षीय सविता, भूपि की 24 वर्षीय बेटी नीतू, भूपि की छोटी बेटी 22 वर्षीय मीनू, भूपि का सबसे छोटा बेटा 12 वर्षीय धीरू, मां नारायण का छोटा बेटा 42 वर्षीय ललित, ललित की पत्नी 38 वर्षीय टीना, ललित का 12 साल का एक बेटा शामिल है. पड़ोसियों ने बताया कि बुजुर्ग महिला की तीसरा बेटा दिनेश राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में रहता है. वह सिविल कॉन्ट्रैक्टर है और घटना के वक्त भी वह चित्तौड़गढ़ में ही है.
क्या है पुलिस का कहना
पुलिस का कहना है कि वह हर एंगल से मामले की जांच कर रही है. हालांकि पुलिस अभी कुछ भी खुलकर बताने में हिचक रही है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने कुछ खास पैटर्न को चिह्नित किया है, जिसके आधार पर आगे की जांच की जाएगी. पारिवारिक रंजिश में हत्या के एंगल से भी जांच की जा रही है. हालांकि अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता.