14 कत्ल…पीता था इंसानी दिमाग का सूप और नरमुंडों की…, पढ़ें सीरियल किलिंग की डरावनी दास्तान

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सबसे खौफनाक सीरियल किलर राजा कोलंदर को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर 25 साल पुराने रोंगटे खड़े कर देने वाले मामले का पटाक्षेप कर दिया. अदालत ने उसके सहयोगी बच्छराज कोल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है. दोनों दोषियों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

सीरियल किलिंग की डरावनी दास्तान

राजा कोलंदर का नाम सुनते ही पूर्वांचल के लोग आज भी कांप जाते हैं. उसकी दरिंदगी महज हत्या तक सीमित नहीं थी, वह मरे हुए लोगों की खोपड़ी सजाता था, उनके दिमाग से सूप बनाकर पीता था और हत्या को एक ‘रीति’ की तरह अंजाम देता था. 

पत्रकार की हत्या ने खोला खौफ का पिटारा

इस केस की शुरुआत हुई थी पत्रकार धीरेंद्र की हत्या से, जिसने पूरे मामले को उजागर किया. जब जांच राजा कोलंदर के फार्म हाउस तक पहुंची, तो पुलिस को जमीन में दफन किए गए कई नरमुंड मिले. कोलंदर ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह इंसानों की हत्या करता था और उनके सिर अपने फार्म हाउस में सजाकर रखता था.

अनोखा ‘न्यायालय’ और रंग-बिरंगी खोपड़ियां

पुलिस को उसकी एक डायरी भी मिली जिसमें उसने हत्या के प्लान और ‘ट्रायल’ दर्ज किए थे. राजा जातियों के आधार पर नरमुंडों को रंगता था, नाम लिखता था और फिर एक काल्पनिक अदालत लगाकर उन्हें ‘सजा’ सुनाता था.

इंसानी दिमाग का सूप और सुअरों के आगे शव

राजा की क्रूरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने शिकार के दिमाग को उबालकर पीता था. शरीर के बाकी हिस्से जंगल में या सुअरों के सामने फेंक देता था. यह सब वह ‘दुश्मनों को सबक’ सिखाने के नाम पर करता था.

आखिरकार खत्म हुआ खौफ का दौर

1998 से शुरू हुआ कोलंदर का खूनी खेल 14 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका था. 2022 में आई एक डॉक्यूमेंट्री ने इस केस को फिर से सुर्खियों में ला दिया. अब कोर्ट के फैसले ने वर्षों से लटके इस भयानक केस को अंजाम तक पहुंचा दिया है.

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