
नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ऐतिहासिक घोषणा कर कहा है कि वह आने वाले 15 वर्षों में 100 से ज्यादा सैटेलाइट लांच करेगा। इनका उद्देश्य देश की जरूरतों के लिए पृथ्वी-अवलोकन डेटा, उपग्रह आधारित संचार और नेविगेशन को मजबूत करना होगा। ये मिशन चंद्रयान, मंगलयान, शुक्र मिशन या गगनयान जैसे विज्ञान और मानव अंतरिक्ष उड़ान अभियानों के अतिरिक्त होगा।
अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक नीलेश देसाई ने भारत एट द रेट 2047 का रोडमैप पेश कर बताया कि 100 सैटेलाइट लांच सुनने में बहुत अधिक लगते हैं, लेकिन यह औसतन हर साल 7–8 मिशन ही होने वाले है। उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे ही सही, ये मिशन देश के लिए बेहद लाभकारी साबित होने वाले है।
अब तक इसरो सालाना 5–6 प्रक्षेपण ही करता है, जबकि 2016 में अधिकतम 9 प्रक्षेपण किए गए थे। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि एजेंसी अपनी क्षमता और गति बढ़ाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशीकरण बेहद जरूरी है।
नारायणन ने कहा कि संचार उपग्रहों में अभी कुछ पुर्जे आयात करने पड़ते हैं। इसी तरह, नेविगेशन सिस्टम के लिए इस्तेमाल होने वाली परमाणु घड़ियां भी बाहर से मंगाई जाती थी। उन्होंने बताया कि अब इन घड़ियों का स्वदेशीकरण शुरू हो गया है और उत्पादन की गति बढ़ाना जरूरी है।