
नई दिल्ली । कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कर्ज लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने देशभर के सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ ही अन्य वित्तीय संस्थानों को टर्म लोन की किस्त तीन महीने तक टालने की अनुमति दी है।
आरबीआई गवर्नर के मुताबिक अगर आपने किसी बैंक से कर्ज लिया है और हर महीने उसकी ईएमआई देते हैं और किसी वजह से मौजूदा परिस्थितियों में आप उसकी ईएमआई तीन महीने तक नहीं दे पाते हैं तो आपका सिबिल स्कोर खराब नहीं होगा। आप तीन महीने बाद से अपनी ईएमआई फिर से शुरू कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की है। इससे एक दिन पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 21 दिनों के लॉकडाउन से निपटने के लिए एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान पहले ही किया था।
इसके अलावा रिजर्व बैंक गवर्नर ने इन मुद्दों पर बात की जो इस प्रकार है:-
-आरबीआइ ने कोरोनावायरस से पैदा हुई इन परिस्थितियों में सिस्टम में कैश की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के उपायों की घोषणा की है।
-अनिश्चित के इस माहौल में आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति ने आगामी वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर एवं महंगाई दर से जुड़ा हुआ कोई अनुमान अभी जाहिर नहीं किया है।
-रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि रिकॉर्ड अनाज की पैदावर की वजह से खाने-पीने के सामान की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
-दास ने कहा कि ग्लोबल स्लोडाउन का भारत पर विपरीत असर देखने को मिल सकता है, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारत के लिए अच्छी चीज है।
-इसके अलावा दास ने कहा कि वित्तीय बाजार दबाव में है और बाजार में स्थिरता और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को पटरी पर लाने के लिए केंद्रीय बैंक के उपायों की जरूरत है।
-आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि बाजार में नकदी डालने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक लाख करोड़ रुपये का रेपो ऑपरेशन करेगा।
-दास ने कहा कि आज घोषित उपायों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी डाली जाएगी।
-आरबीआई गवर्नर ने कहा कि आरबीआइ कर्ज देने वाली सभी संस्थाओं को टर्म लोन के किस्त के भुगतान पर तीन माह के मोराटोरियम की अनुमति दे रहा है।














