भास्कर समाचार सेवा
रामपुर। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कहा है कि अंतिम शासक नवाब रजा अली खां ने रामपुर में 33 कारखाने लगवाए थे, जो समाजवादी पार्टी की हुकूमतों में बंद हुए। सपा के सिंबल पर बार–बार वोट देकर रामपुर पिछड़ता चला गया। विकास और भाईचारे के लिए नूर महल को मजबूत करें। नवेद मियां ने शुक्रवार को खौद में आयोजित बैठक में कहा कि नवाब रजा अली खां ने अंग्रेज़ उद्योगपति ग्रांट गोवन रेमंड से रामपुर में रज़ा शुगर फैक्ट्री लगवाई थी। 20 जनवरी 1933 को गवर्नर ने उसका उद्घाटन किया। इसमें 1039 व्यक्तियों को रोज़गार प्राप्त हुआ। इसके बाद मेरे दादा ने ही बुलंद शुगर फैक्ट्री शुरू कराई। तब सर हेनरी ग्राहम हेग के हाथों 7 फरवरी 1936 को इसकी शुरूआत हुई। घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए औद्योगिक बोर्ड बनाया गया था। 11 जुलाई 1932 को इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया की रामपुर में स्थापना कराई थी। सर ज्वाला प्रसाद श्रीवास्तव से संपर्क कर 1938 में रामपुर में रज़ा टेक्सटाइल की स्थापना की गई और नवाब साहब ने 19 फरवरी 1939 को इस फैक्ट्री की आधारशिला रखी। 28 फरवरी 1939 को रामपुर में फ्रूट फैक्ट्री और तेल मिल आरंभ हुई। इसके बाद रामपुर में कारखानों की होड़ लग गई और वह कानपुर के बाद यू०पी० का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बन गया। 1971-72 तक इन कारखानों में 6023 व्यक्ति कार्यरत थे। रज़ा शुगर फैक्ट्री में 1168 और रज़ा टेक्सटाइल में 2500 व्यक्ति काम करते थे। नवाब रज़ा अली खां के शासनकाल में लगभग 15 सार्वजनिक कारखाने और 18 प्राइवेट लिमिटेड कारखानों की स्थापना हुई थे। उन्होंने कहा कि रामपुर में बेरोजगारी है। बदहाली है। इसको खत्म करने के लिए नूर महल को मजबूत किए जाने की जरूरत है। इस मौके पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मुति उर रहमान खां बबलू, जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र देव गुप्ता, नोमान खां, काशिफ खां, पूर्व ब्लॉक प्रमुख जब्बार हुसैन, मोहम्मद मोहसिन, वासिक अली, नूर हसन, निजाम पाशा, मास्टर असगर अली, नाम अली, मेहरबान अली, सत्तार प्रधान, राजू पाशा, आले हसन, हनीफ, शाहिद अली, इरफान पाशा, आसिफ खां, यामीन सैफी, सलीम अहमद, नासिर अली आदि थे।
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