
वस्तु एवं सेवा कर खुफिया निदेशालय (DGGI) गाजियाबाद टीम ने 362 करोड़ रुपए की GST चोरी पकड़ी है। 275 फर्जी फर्मों का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन्हें गुरुवार देर शाम मेरठ कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया है।
ये आरोपी दिल्ली-एनसीआर में रेडीमेड गारमेंट्स समेत कई तरह का कारोबार दिखाकर कई साल से फर्जी बिल काटकर सरकार को चूना लगा रहे थे। मास्टरमाइंड यह पूरा रैकेट दुबई से ऑपरेट कर रहा था। कुछ दिन पहले उसके दुबई से लौटने पर डीआरआई व ईडी ने पासपोर्ट जब्त कर लिया था, इस वजह से वह दुबई नहीं भाग सका था।
दो कार्यालय परिसरों की तलाशी
DGGI अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद दो कार्यालय परिसरों की तलाशी ली गई। यहां पर 200 से ज्यादा नकली फर्मों से संबंधित दस्तावेज, मोबाइल, डिजिटल हस्ताक्षर, डेबिट-पेन कार्ड, किराए के समझौते, लैपटॉप, पेन ड्राइव, रबर स्टांप, ऑफिस की चाभियां, सिम कार्ड, चेकबुक और कुछ कच्चे रिकॉर्ड मिले।

क्लाउड में स्टोर हो रहा था डेटा
गहनता से जांच में पता चला कि इस नेटवर्क का डेटा क्लाउड में जमा किया जा रहा है और वहीं से उपयोग किया जाता है। साक्ष्यों और आंकड़ों के विश्लेषण के बाद पता चला कि इस नेटवर्क में 275 फर्जी फर्म हैं जो केवल कागजों पर मौजूद हैं। इन फर्मों ने कुल 3189 करोड़ रुपए के नकली इनवॉइस काटे हैं, जिसमें कुल 362 करोड़ रुपए की चोरी मिली है।
मुख्य आरोपी का पासपोर्ट पहले ही DRD-ED कर चुकी है जब्त
DGGI अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में प्रमुख आरोपी टिंकू यादव को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। टिंकू के द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर वास्तविक मास्टरमाइंड विपिन कुमार गुप्ता उर्फ निक्कू निवासी विकासनगर और योगेश मित्तल निवासी मॉडल टाउन की गिरफ्तारी भी दिल्ली से हुई है। दोनों आरोपियों को पूर्व में डीआरआई और ईडी ने भी विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किया था। विपिन का पासपोर्ट पहले से जांच एजेंसियों ने जब्त कर रखा है। वह ज्यादातर दुबई में रहता था।