5 जरूरी बातें- Income tax return भरते वक्त रखें इन बातो का ध्यान, कभी नहीं होगा नुकसान

इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) भरने जा रहे हैं. जरा संभल के. यह बहुत आसान नहीं है. हालांकि, मुश्किल भी नहीं. अगर ध्यान से ITR भरा जाए तो कभी कोई नुकसान नहीं होगा. 31 दिसंबर 2020 तक वित्त वर्ष 2019-20 का इनकम टैक्स रिटर्न भरना है. अगर आपने अभी तक फाइल नहीं किया है तो जरूरी है समझ लें कि कौन सी बातें आपको ध्यान रखनी चाहिए. ITR फाइल करते समय अक्सर लोग कई जरूरी बातें भूल जाते हैं. ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. 5 जरूरी बातें, जो आपको ITR भरते वक्त हमेशा याद रखनी चाहिए.

प्री-वैलिडेट बैंक अकाउंट (Pre validate Bank account)
इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त आप बैंक अकाउंट डीटेल्स को जरूर चेक करें. क्योंकि, अगर रिफंड बनता है तो वो सीधे खाते में ही ट्रांसफर किया जाता है. ऐसे में जिस बैंक अकाउंट में इनकम टैक्स रिफंड चाहते हैं, उस खाते को प्री-वैलिडेट (पहले से सत्यापित) करा लें. इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद अगर आपका कोई रिफंड बनता है तो वह आपको इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) के जरिए मिलता है. जरूरी है बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट हो ताकि आपको रिफंड मिलने में देरी न हो.

विदेशी बैंक खातों की जानकारी देना अनिवार्य (Foreign bank details in ITR)

अगर आपका किसी दूसरे देश में आपका बैंक अकाउंट है तो इसकी जानकारी भी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी होगी. इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, सभी टैक्सपेयर्स को बैंक खातों सहित सभी विदेशी संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य है. इनकम टैक्स एक्सपर्ट अनुराग बंसल के मुताबिक, अगर आप भारत के निवासी हैं और ITR-1 का इस्तेमाल करने के योग्य हैं, तो आपको विदेश में कोई निवेश करने की स्थिति में ITR-1 का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर आपके पास विदेश में शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश है तो इसका विवरण भी जरूरी है.

कॉन्टैक्ट डिटेल सही भरें (ITR form contact details)
अपनी सभी जानकारियों को सही-सही ITR फॉर्म में भरें. ध्यान रहे कि आपके नाम की स्पेलिंग, पूरा पता, ईमेल, कॉन्टैक्ट नंबर जैसी जानकारी आपके पैन, ITR और आधार में एक जैसी हो. वहीं, मोबाइल नंबर डालें जिस पर SMS आ सके. गलत जानकारी देने पर आपको रिफंड मिलने में मुश्किल हो सकती है. गलत जानकारी देना आपको महंगा भी पड़ सकता है. इसमें जुर्माने का भी प्रावधान है.

TAN डिटेल्स सही से चेक करें (how to check TAN details in ITR)

टैक्‍स डिडक्‍शन एंड कलेक्‍शन और अकाउंट नंबर को टैन (TAN) कहते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म 26AS में आपकी तरफ से अलग-अलग समय पर जो टैक्स सरकार के पास जमा होता जाता है, उसका पूरा रिकॉर्ड होता है. साथ ही सरकार के पास जमा की गई एडवांस टैक्स की किस्त और सेल्फ एसेसमेंट टैक्स के अलावा आपके नियोक्ता की तरफ से जमा किए गए TDS का ब्योरा भी रहता है. वैसे तो ये डिटेल्स पहले से ही फॉर्म में भरी रहती हैं. लेकिन क्रॉस चेक कर लेना चाहिए. अगर कुछ गलती है तो हो सकता है कि आपको ज्यादा टैक्स भरना पड़े.

गिफ्ट्स की जानकारी भी देना है जरूरी
अगर आपको किसी भी तरह का कोई गिफ्ट मिला है तो उसकी जानकारी भी ITR में देनी चाहिए. ऐसा नहीं करने पर आपको इनकम टैक्‍स विभाग से नोटिस मिल सकता है. इनकम टैक्‍स के नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से ज्यादा कीमत का गिफ्ट मिला है तो इस पर आपको टैक्‍स देना होगा. ऐसे में आपको इनकम टैक्‍स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्‍यान रखना होगा.

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