https://youtu.be/FJpLpYqZKhE
आखिरकार सांसों ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का साथ छोड़ दिया. करोड़ों लोगों के चहेते पूर्व प्रधानमंत्री अब हमारे बीच नहीं रहे. राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की तबीयत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी. हालांकि अटल बिहारी वाजपेयी के अलावा पिछले 10 दिनों में कई प्रमुख हस्तियां अब हमारे बीच नहीं रहीं. बीते कुछ दिनों में भारत ने कई महत्वपूर्ण शख्सियतों को खो दिया है. आपको बता दें कि अचानक इतनी संख्या में हस्तियों का यूं जाना ज्योतिष प्रभाव और ग्रह चाल की ओर संकेत करता है.
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लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का 89 साल की उम्र में सोमवार को देहांत हो गया. उनका लंबा राजनीतिक इतिहास रहा और वह करीब चार दशक तक सांसद रहे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उनके निधन पर शोक जताया था.
इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन का 6 अगस्त को निधन हो गया. वह 81 बरस के थे. पंजाब यूनिवर्सिटी से स्नातक आरके धवन 1962 से 1984 तक इंदिरा के निजी सचिव रहे. वह 1990 में राज्यसभा के लिए चुने गए. इसके अलावा वह कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे. धवन की पढ़ाई देहरादून और बनारस हिदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में भी हुई थी. वह राज्यसभा के सांसद भी रहे थे.
2 दिन पहले छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलराम दास (बीडी) टंडन का रायपुर में निधन हो गया. 90 वर्षीय बीडी टंडन को मंगलवार सुबह हार्टअटैक आया था. उन्हें आनन-फानन में रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. बीडी टंडन 1953 से 1967 के दौरान अमृतसर में नगर निगम पार्षद और 1957, 1962, 1967, 1969 तथा 1977 में अमृतसर से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. 1997 के विधानसभा चुनाव में टंडन राजपुरा विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे. उन्होंने पंजाब मंत्रिमंडल में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के रूप में उद्योग, स्वास्थ्य, स्थानीय शासन, श्रम एवं रोजगार आदि विभागों में अपनी सेवाएं दी और कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया. वह पंजाब के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके थे. टंडन 1979 से 1980 के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे.
साहित्य का नोबल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के प्रसिद्ध लेखक वीएस नायपॉल का रविवार तड़के निधन हो गया था. उन्होंने 85 साल की उम्र में लंदन स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली. बता दें कि वीएस नायपॉल यानी विद्याधर सूरज प्रसाद नायपॉल का जन्म 17 अगस्त सन 1932 को ट्रिनिडाड के चगवानस में हुआ था. नायपॉल को 1971 में बुकर प्राइज़ और साल 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
राजनीतिक हस्तियों के अलावा 15 अगस्त को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का 77 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने मुंबई के जसलोक में अंतिम सांस ली. आपको बता दें कि वाडेकर की गिनती भारत के सबसे सफल कप्तानों में होती है. वाडेकर काफी समय से बीमार चल रहे थे. अजीत वाडेकर का जन्म 1 अप्रैल 1941 में मुंबई में हुआ था. वाडेकर ने 1966 से 1974 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला. उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत 1958 में की थी, जबकि अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 1966 में की थी. पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर ट्वीट किया.
आपको बता दें कि आज अटल बिहारी वाजपेयी भी अपने चाहनेवालों को छोड़कर चले गए. अटल बिहारी वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. वो 1999 से 2004 तक बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं. 25 दिसंबर, 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था. 2009 से ही वह व्हीलचेयर पर थे.
ज्योतिषाचार्य पंडित अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार 3 से 17 अगस्त 2018 का समय महामनाओं के लिए भारी बना हुआ है. कारण है कि इस दौरान सूर्य अश्लेषा नक्षत्र में भ्रमण करना. इस गंडमूल संज्ञक नक्षत्र में रहते सूर्य को 11 अगस्त को ग्रहण लगा. साथ ही तात्कालिक ग्रह स्थिति में बुध मंगल शनि और राहु-केतु मिलाकर कुल पांच ग्रह वक्री चाल से गतिमान हैं. यह समय निश्चित ही कठिन है. ज्योतिषाचार्य का मानना है कि आने वाला कुछ दिन भी ग्रहों से प्रभाव से लगभग सप्पूर्ण अगस्त में आकस्मिक घटनाक्रमों से भरा रह सकता है. इस ग्रह परिस्थिति में ऐसी अप्रिय सूचनाएं और सुनने को मिल सकती हैं या अन्य भौतिक हलचल की भी आशंका बनी हुई है. केरल और उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा अभी भी थमी नहीं है.