नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में पेश होने वाला है। विधेयक का देशभर में विरोध हो रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में भयावह स्थिति बनी हुई है, असम, त्रिपुरा समेत कई राज्यों में इस बिल के विरोध में आगजनी होने की घटनाएं सामने आई हैं। इसी बीच देश की 727 नामचीन हस्तियों ने भी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए खुली चिट्ठी लिखी है।
बिल के विरोध में चिट्ठी लिखने वालों में पूर्व जज, वकील, लेखक, अभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। विरोध करने वालों में जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह, एडमिरल रामदास जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
इन सभी हस्तियों ने मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल वापस लेने की मांग की है। चिट्ठी में कहा गया है कि, “ये बिल भारत की समावेशी और समग्र दृष्टि की धज्जियाँ उड़ा रहा, जिससे भारत को स्वतंत्रता संग्राम में मार्गदर्शन मिला था। सांस्कृतिक और शैक्षणिक समुदायों से हम इस बिल को विभाजनकारी, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक मानते हैं। यह भारत के लोकतंत्र को मौलिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा।”
727 हस्तियों ने पत्र में यह भी लिखा है कि, ये बिल संविधान के साथ एक धोखा है। इसीलिए हम सरकार से इस बिल को तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे हैं। ये प्रस्तावित कानून भारतीय गणतंत्र के मूल चरित्र को आधारभूत रूप से बदल देगा और यह संविधान द्वारा मुहैया कराये गए संघीय ढांचे को खतरा पैदा करेगा।
इस पत्र को लिखने वाले में लेखक जावेद अख्तर, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और एडमिरल रामदास के अलावा इतिहासकार रोमिला थापर, अभिनेत्री नंदिता दास, अपर्णा सेन, सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव, तीस्ता सीतलवाड़, अरुणा राय और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश एपी शाह, भारत के पहले सीजीआई वजाहत हबीबुल्ला आदि लोग शामिल हैं।