
भास्कर ब्यूरो वाराणसी।
अपने भक्तों में धन-धान्य का वितरण करने वाली व स्वयं महादेव को भिक्षा प्रदान करने वाली जगतमाता मां अन्नपूर्णा के दरबार में अन्नकूट पर्व पर वर्षाें से चली आ रही प्राचीन परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी 80 क्विंटल का भोग लगा। बताते चले कि अन्नपूर्णा दरबार समेत शहर से लेकर गांव तक के देवालयों में अन्नकूट की झांकी सजाई गई है। कार्तिक प्रतिपदा यानी आराध्य देवों को कूटे अन्न से बनाए गए 56 प्रकार के मिष्ठान्न-पकवान का भोग अर्पित करके झांकी सजाई गई है। अन्नपूर्णा मंदिर के गर्भगृह में लड्डुओं से मंदिर भी बनाया गया है।

अन्नपूर्णा मंदिर के उप महंत शंकर पुरी के निर्देशानुसार मध्याह्न भोग आरती के बाद भक्तों में भोग प्रसाद वितरित किया गया। इसमें विशेष बात यह है कि लड्डू, मगदल, बालूशाही, खुरमा,चंद्रकला, काजू बर्फी, काजू बिस्किट, बादाम बर्फी, अंजीर हलवा, बादामहलुवा, मूंग हलुआ, काजू नमकीन, पंचमेवा नमकीन और राजस्थान के अलवर सेमोट मंगाया गया है।
इसके अलावा पांच प्रकार की दाल, सवा क्विंटल चावल, 16 प्रकार के पकौड़े, सहित छप्पन प्रकार के व्यंजनों से भव्य सजावट देर रात की जाती रही। महंत रामेश्वर पुरी ने कहा कि मां अन्नपूर्णा के दर्शन से व्यक्ति को वर्ष भर अन्न और धन की कमी नहीं होती है। भक्तों पर मां अन्नपूर्णा की सदैव कृपा बनी रहती है। चार दिवसीय स्वर्णमयी रूप के दर्शन का रविवार को आखरी दिन रात्रि 11 बजे महंत द्वारा माँ की महा आरती कर के पट एक वर्ष के लिये बन्द कर दिया गया।










