राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए 85 बाल वैज्ञानिकों ने अपने प्रोजेक्ट की पीडीएफ भेजा


0 दो दिन में 17 बाल वैज्ञानिकों ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण में कर रहे प्रतिभाग

भास्कर न्यूज, मिर्जापुर। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार की ओर से संचालित राष्ट्रव्यापी गतिविधि 28 वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का जिला स्तरीय दो दिवसीय ऑनलाइन प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण शनिवार से शुरू हो गया है। इस कार्यक्रम में कक्षा 6 से 12 तक के 10 वर्ष वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चे जूनियर वर्ग में एवं 14 से अधिक एवं 17 वर्ष तक के बच्चे सीनियर वर्ग में प्रतिभाग कर रहे हैं। इस वर्ष यह कार्यक्रम कोविड-19 महामारी के चलते ऑनलाइन किया जाना था जिसमें जनपद के 45 विद्यालयों के 118 बच्चों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया। पचासी बाल वैज्ञानिकों ने अपने प्रोजेक्ट की पीडीएफ फाइल ऑनलाइन भेजा। बाल वैज्ञानिकों के लिखित लघु शोध पत्रों का विषय विशेषज्ञों ने जांच की इसके उपरांत 17 बाल वैज्ञानिकों का ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण इन 2 दिनों में किया जाना है। आज के कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस उत्तर प्रदेश के राज्य संबंध में डॉ एसके सिंह ने किया। डॉ एसके सिंह ने बाल वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि प्रदेश का यह पहला जनपद है जिनमें बाल विज्ञान कांग्रेस समय से आयोजित किया जा रहा है।

उन्होंने बाल वैज्ञानिकों को प्रोजेक्ट प्रस्तुतीकरण के लिए ढेर सारे टिप्स दिए तथा सभी आयोजक निर्णायक मंडल के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में निर्णायक के रूप में डॉक्टर केएन त्रिपाठी संरक्षक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर आरके आनंद कृषि विज्ञान केंद्र अमेठी, एकेडमिक समन्वयक डॉ जे पी राय कृषि वैज्ञानिक कृषि वैज्ञानिक बीएचयू, डॉ एसके गोयल कृषि वैज्ञानिक कृषि वैज्ञानिक बीएचयू डॉक्टर एस एन सिंह मृदा वैज्ञानिक, गुलाब चंद तिवारी पूर्व जिला समन्वयक समन्वयक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, सत्यनारायण प्रसाद पूर्व उप प्रधानाचार्य नगर पालिका इंटर कॉलेज अरोड़ा ने किया। कार्यक्रम में जनपद समन्वयक सुशील कुमार पांडे ने बाल बाल वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में प्रतिभा गीता के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रोजेक्ट वर्क हाईस्कूल तक की कक्षाओं में कर दिया गया है तथा इंटरमीडिएट की कक्षाओं में विज्ञान वर्ग में प्रोजेक्ट गतिविधि रखी गई है इसलिए राष्ट्रीय बाल विज्ञान की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इस कार्यक्रम में जूनियर वर्ग के रचित जायसवाल सेंट मेरिज स्कूल मिर्जापुर ने ऑटोमेटिक इरिगेशन सिस्टम, शैलेश कुमार राजस्थान इंटर कॉलेज मिर्जापुर ने ब्लाइंड अंधा मोड़ सूचक, संजना सेन सुंदर मंदिर बालिका इंटर कॉलेज मिर्जापुर ने आरो द्वारा निकले हुए पानी के पुनः प्रयोग, सीनियर वर्ग में रोहित मौर्य जय हिंद विद्या मंदिर इंटर कॉलेज अहरोरा मिर्जापुर ने मॉडिफाइड बायोगैस प्लांट सत्यम विश्वकर्मा जनता जनार्दन इंटर कॉलेज उड़कुड़ा ने चुनार एरिया में खदानों में ब्लास्टिंग के कारण मानवी जीवन पर प्रभाव, रंजना राजकीय बालिका इंटर कॉलेज चुनार ने जैविक कचरे के प्रबंधन, संध्या महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज रायपुर ने स्टैंडर्ड धार्मिक कटर, सौरभ सिंह श्री मोनी स्वामी इंटर कॉलेज श्रीनिवास धाम मिर्जापुर ने कृषि में पारंपरिक फसल चक्र पर अपने लघु शोध प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम में टेक्निकल सपोर्ट कलाम इन्नोवेशन लैब्स अरोरा के बाल वैज्ञानिकों आर्यन प्रसाद, शिवम कुमार एवं किशन केसरी, शशांक विश्वकर्मा ने किया।  कल दिनांक 27 दिसंबर को पुणे 4 जूनियर वर्ग तथा 5 सीनियर वर्ग के बाल वैज्ञानिकों का ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।‌इसके बाद लिखित और मौखिक मूल्यांकन के आधार पर तीन सीनियर वर्ग एवं दो जूनियर वर्ग के बाल वैज्ञानिकों का चयन राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए किया जाएगा।  इस आशय की सूचना राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक सुशील कुमार पांडे ने दी। 

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