किशनी पुलिस को राजीव खान हत्याकाण्ड में मिली बड़ी सफलता, पुलिस ने एक को दबोचा, तो दूसरे ने किया आत्मसमर्पण



किशनी/मैनपुरी- पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पाण्ड़ेय तथा सीओ अमर बहादुर के नेत्त्व में थाना पुलिस नित नये सोपान गढती जा रही है। इंस्पेक्टर अजीत सिंह अपनी कार्यकुशलता के बल पर ऐसे रहस्यों पर से पर्दे उठा रहे हैं जिन तक पहुंचना असम्भव तो नहीं पर सरल भी नहीं था।
  क्षेत्र के बहुचर्चित तथा गुमनामी के अंधेरे में डूबे राजीव खान हत्याकाण्ड के रहस्यों से पर्दा उठाने के बाद उन्होंने छः आरोपियों में से चार को सलाखों के पीछे पहुंचाने में भी सफलता हाशिल कर ली है। बताते चलें कि सात जुलाई की रात क्षेत्र के गांव सहारा निवासी राजीव खान पुत्र रेशम खान की गांव बघौनी कुडरा निवासी अनिल व सुनील ने ईंट मार कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद दोनों ने शव को वहीं पर छिपा दिया था।

पर चैबीस घंटे तक शव के वहीं पर पडे रहने के बाद दोनों ने अपने चार अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर लाश को घटनास्थल से दो सौ मीटर दूर अरिन्द नदी के किनारे जाकर झाडियों के बीच छिपा दिया था। थाना पुलिस ने मृतक के भाई की तहरीर पर अगले ही रोज गुमसुदगी दर्ज कर राजीब के बारे में पता लगाने के लिये तलाश शुरू कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच को आगे बढाते हुये बीस सितम्बर को अनिल यादव पुत्र जितेन्द्र तथा सुनील यादव पुत्र कप्तानसिंह निवासीगण बघौनी के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया था। केस दर्ज होते ही पुलिस ने दोनों को पकडने के लिये भारी जोर लगाया और इसीबीच अनिल ने कोर्ट में सरैंडर कर दिया। इंस्पेक्टर अजीतसिंह ने अनिल को पुलिस रिमाण्ड पर लेकर पूछताछ की तो अनिल टूट गया और सारा मामला पुलिस के समक्ष उगल दिया साथ ही गांव भीखपुरा के पास राजीब खान के कंकाल को वरामद करा दिया।  इसके दो दिनों के बाद ही पुलिस ने लाश को छिपाने के लिये आरोपी सतेन्द्र पुत्र महिपालसिंह को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। इसे इंस्पेंक्टर अजीत सिंह की कार्यकुशलता ही कहा जायेगा कि चार माह पुराने हत्याकाण्ड का खुलाशा करने के बाद उन्होंने गुरूवार को तीसरे आरोपी मनोज यादव पुत्र भूरेसिंह निवासी बघोनी को भी गांव सभापुर के पास रामनगर रोड पर जाते हुये पकड लिया। इतना ही नहीं पुलिस के भारी दबाव को न झेल पाने पर चैथे आरोपी सुनील पुत्र कप्तानसिंह ने भी गुरूवार को ही कोर्ट में सरैंडर कर दिया। इस तरह राजीव हत्याकाण्ड के कुल छह आरोपियों में से चार अब सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। बाकी दो आरोपी अभी भी फरार हैं। इंस्पेक्टर अजीत सिंह का कहना है कि वह अंतिम आरोपी को जेल भेजने तक चैन से नहीं बैठेंगे।

मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट

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