मुंबई: कोरोनावायरस से फैली कोविड-19 महामारी (Coronavirus Pandemic) में अभी तक इससे बचने का कोई तय उपाय या तरीका नहीं है तो लोग घरेलू नुस्खे वाले काढ़े पर निर्भर (Kadha) हैं, लेकिन काढ़े का ज्यादा सेवन अब खतरनाक बन रहा है. इसके चलते लोगों में इंटर्नल ब्लीडिंग यानी शरीर के आंतरिक अंगों में खून का रिसाव, आंत-पेट में मल्टीपल अल्सर और मुंह के छालों के साथ बड़ी संख्या में मरीज़ अस्पताल पहुंच रहे हैं. कोरोना के खौफ में काढ़ा लगभग हर घर में बन रहा है और लोग दिन में कई बार काढ़ा पी रहे हैं. इसके फाएदे कई हैं लेकिन इसमें डाले जाने वाली कुछ सामग्री ज्यादा मात्रा में लेने के कारण लोग अस्पतालों का रुख कर रहे हैं. वो भी अल्सर के कारण अंदरूनी ब्लीडिंग की गंभीर शिकायतों के साथ.
फ़ोर्टिस हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ संजय शाह ने बताया, ‘करीबन एक महीना पहले, हमारे इमरजेंसी रूम में 30 साल के एक युवा व्यक्ति, सांस की तकलीफ़ के कारण आए थे. जब उनसे डिटेल में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 4-5 महीने से काढ़ा पी रहे हैं और करीब 2-3 हफ़्ते से इन्हें काला दस्त हो रहा है. उनको लगा कचरा बाहर निकल रहा है लेकिन उनको इंटर्नल ब्लीडिंग हो रही थी, एंडोस्कोपी की तो पता चला कि पेट और आंत में कई अल्सर हो चुके थे. ये हद से ज़्यादा काढ़ा पीने की वजह से हो रहा था.’
बता दें कि काढ़े में पड़ने वाले हल्दी से हार्ट ब्लॉकेज का खतरा कम होता है क्योंकि ये खून को पतला करता है लेकिन काढ़ा या दूध में इसके ज़्यादा इस्तेमाल के कारण हार्ट के मरीजों की सर्जरी में ब्लीडिंग की वजह से खूब दिक़्क़त हो रही है. Wockhardt हॉस्पिटल के वरिष्ठ सर्जन डॉ इमरान शेख़ ने कहा, ‘हल्दी नैचुरल ब्लड थिनर है. काफ़ी हार्ट पेशेंट जो आते हैं जो पहले से ब्लड थिनर पर होते हैं उसके साथ जब ये काढ़ा पीते हैं हैं तो उनका खून काफी पतला हो जाता है और ब्लीडिंग का रिस्क रहता है. हाल में ही हमने एक मरीज को ऑपरेट किया जो हार्ट पेशेंट थे. जो पहले से ब्लड थिनर पर थे. लेकिन कोरोना के चलते उन्होंने ये इम्यूनिटी बूस्टर लिया जिससे इन्हें पेट में मैसिव ब्लीडिंग हुई और इसके बाद उनका ऑपरेशन कर उनकी जान बचानी पड़ी.’
दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल की OPD में क़रीब 40 फीसदी मरीज़ मुंह में छाले यानी अल्सर और गले में दर्द की शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं. वरिष्ठ ENT कन्सल्टंट डॉ एल एम पराशर ने बताया, ‘कोरोना के पहले 2-3 फीसदी मरीज मुंह के छाले की शिकायत वाले होते थे, कोरोना के बाद तो 30-40 फीसदी मरीज़ हर OPD में मुंह के छाले और गले में दर्द की शिकायत कर रहे हैं, ज़्यादा गर्म चीज़ का सेवन कर रहे हैं, उससे हालत बिगड़ रही है.’
कपिल गोस्वामी नाम के मरीज ने बताया, ‘मैंने भी कापी ज्यादा मात्रा में इन चीजों का सेवन किया. काली मिर्च, काढ़ा, ग्रीन टी, हल्दी वाला दूध, जब भी प्यास लगी गरम पानी पिया, उसके कारण मेरे मुंह में छाले पड़ गए, और काफ़ी तकलीफ़ में आ गया.’ हीरानंदानी हॉस्पिटल के फिजिशियन डॉ शकील अहमद ने बताया कि माउथ अल्सर के अलावा, काढ़ा पीने के और भी साइड इफ़ेक्ट हैं जैसे की गैस्ट्रायटिस, ब्लीडिंग, किड्नी स्टोन, ये सब इसके सामान्य साइड इफेक्ट हैं.
इस महामारी में ये घरेलू उपाए कइयों के लिए फ़ायदेमंद साबित हुए हैं, लेकिन जरूरी है कि इसका सेवन सही मात्रा में हो और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित, और दवा का सेवन कर रहे मरीज इसे एक्सपर्ट की सलाह के साथ सही मात्रा में लें.