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मौके पर पहुंचे एडीएम पूर्वी ने मृतको के परिजनों को मुआवजा देने के आष्वासन पर हटा जाम
सरोजनीनगर-लखनऊ। बंथरा थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि चार लोगो की हालत गंभीर बनी हुई। क्षेत्र में घटना की जानकारी फैलते ही कई गांवों के ग्रामीण इकठ्ठा हो गये और आबकारी विभाग व स्थानीय पुलिस पर सांठ-गांठ अवैध शराब बेचने वालो के साथ सांठ-गांठ का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया और बनी-मोहान मार्ग जाम कर दिया। हंगामा कर रहे यह ग्रामीण पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने के साथ ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिये जाने की मांग कर रहे थे। सड़क जाम की खबर मिलते ही बंथरा के साथ सरोजनीनगर व कृष्णानगर थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंचकर रोड खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण नही माने। सरोजनीनगर एसडीएम और एडीएम पूर्वी ने किसी तरह आश्वासन देकर रोड जाम समाप्त कराया।

थाना क्षेत्र के लतीफनगर में रहने वाला राजकुमार उर्फ राजू रावत (38) मजदूरी करता था। राज कुमार की पत्नी रेशमा का आरोप है कि गांव में ही रहने वाले कोटेदार नन्हकऊ शराब बेचता है और राज कुमार ने भी गुरूवार की शाम ननकऊ के घर से शराब खरीदा और वहीं से पीकर आया। खाना खाने के कुछ देर राजकुमार के पेट में अचानक तेज दर्द के साथ ही उसके हाथ पर ऐंठने लगे। रेशमा ने बताया कि जब तक वह उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने का इंतजाम करती, तब तक रात करीब तीन बजे राजकुमार ने घर में ही दम तोड़ दी। इसी प्रकार लतीफनगर से कुछ दूर पर ही रसूलपुर गांव निवासी सुंदर लाल रावत (39) मजदूरी करता था। आरोप है कि सुंदरलाल ने भी कोटेदार ननकऊ के घर से बुधवार शाम शराब खरीद कर पी थी।

घर पहुंचते ही उसकी हालत बिगड़ने लगी। बाद में परिजनों ने आसपास चिकित्सकों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद वह उन्नाव के मोहान स्थित एक निजी अस्पताल ले गए। जहां गुरुवार शाम उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। आरोप है कि यहीं का निवासी मोहम्मद अनीस उर्फ अक्षय (28) बताशे बनाकर बेचने का काम करता था। आरोप है कि उसने भी ननकऊ के घर से गुरुवार शाम शराब खरीदकर पी। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उसे पास के निजी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, लेकिन मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान रात के समय उसकी मौत हो गई। इसके अलावा यहीं से खरीद कर शराब पीने से सुंदर लाल के बड़े भाई कन्हैयालाल (40), रसूलपुर गांव में रिश्तेदारी आया उन्नाव के मोहान निवासी हाफिज 30, लतीफनगर निवासी मनोज कोरी (35), उमेष और कमला रावत की भी हालत गंभीर बनी हुई है। इन चारों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

पुलिस व आबकारी विभाग पर अवैध कारोबारी पर सांठ-गांठ का आरोप
मृतक राजकुमार उर्फ राजू रावत की पत्नी रेशमा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कोटेदार नन्हकऊ की स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग से काफी सांठगांठ है। यही वजह है कि वह आए दिन कभी देशी, कभी अंग्रेजी तो कभी कच्ची शराब लाकर अपने घर पर खुलेआम बेचता रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी ठेके बंद होने के बावजूद नन्हकऊ के घर पर हमेशा शराब उपलब्ध रहती है। यही नहीं आरोप है कि बाहर से खरीद कर लाई गई शराब को नशीली बनाने के लिए ननकऊ उसमें केमिकल तक मिलाता रहता है। लेकिन शराब सस्ती होने के कारण लोग यहां से खरीद कर पीते रहते हैं।

-मृतकों के परिजनों को 30-30 हजार की मदद व विधवा पेंषन देने की घोषणा
इस घटना से नाराज मृतक राजकुमार उर्फ राजू रावत के परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर अपने घर के सामने ही बनी- मोहान रोड पर जाम लगा दिया। उनका आरोप था कि स्थानी पुलिस और आबकारी विभाग की साठगांठ से ननकऊ कोटेदार धड़ल्ले से अपने घर पर अवैध शराब बेचता रहता है। लेकिन पुलिस उसके खिलाफ कभी कुछ नहीं करती। रोड जाम के दौरान पीड़ित परिजनों ने मुआवजे की भी मांग की। सूचना पाकर पहुंचे एडीएम सिटी पूर्वी केपी सिंह ने उन्हें सरकारी मदद का आश्वासन देकर किसी तरह रोड जाम समाप्त कराया। वहीं इस मामले में मौके पर पहुंचे सरोजनीनगर एसडीएम सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि पीड़ित परिवारों को 30-30 हजार रुपये की आर्थिक मदद और मृतकों की पत्नियों को विधवा पेंशन के अलावा खेती के लिए जमीन का आवंटन भी किया जाएगा। घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंचे सांसद कौशल किशोर ने तीनों मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों परिवारों के बच्चे बालिग नहीं होते, तब तक प्रत्येक परिवार को पांच 5-5 हजार रुपये सरकार की ओर से प्रत्येक माह दिलाया जाएगा।
परिवारों में मातम का महौल
इस घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। घर की महिलाएं और बच्चे दहाड़ें मार मार कर रोते दिखे। कोई कह रहा था कि अब उनके घर में दीपावली त्यौहार कैसे होगा, तो कोई कह रहा था कि घर में कमाने वाला ना रह जाने से उनके घर की रोजी रोटी कैसे चलेगी। फिलहाल इस घटना से तीनों मृतकों के परिवार का दीपावली त्यौहार बेकार हो गया है। शुक्रवार को पूरे दिन तीनों परिवारों के घरों में कोहराम मचा रहा और गांव के अन्य लोग उनके परिजनों को ढांढस बंधाते रहे।
आरोपित के कोटेदार के घर से बरामद हुई शराब
घटना को लेकर ग्रामीणों में आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के प्रति काफी आक्रोश है। इस घटना से नाराज राजकुमार के परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इलाके के बनी-मोहान रोड पर जाम लगा दिया। हालाकि ग्रामीणों का गुस्सा देखकर बंथरा, सरोजनीनगर और कृष्णानगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें समझाने के प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण काफी गुस्से में थे और वह रोड से नहीं हटे। बाद में एडीएम सिटी पूर्वी केपी सिंह ने मौके पर पहुंचकर उन्हें सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन दिया। तब ग्रामीण शांत हुए और रोड जाम समाप्त हो सका। बाद में पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना के बाद पुलिस ने कोटेदार ननकऊ के घर छापेमारी की, जहां से पुलिस को काफी मात्रा में अवैध शराब भी बरामद हुई। हालाकि पुलिस ने शराब बरामद होने से इनकार किया है। वहीं इस मामले में पुलिस ने कोटेदार ननकऊ के अलावा लतीफ नगर सरकारी देशी शराब ठेके के सेल्समैन मानवेंद्र सिंह को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है।
घटना के बाद आस-पास के ठेको पर छापेमारी
बंथरा इलाके में एक साथ हुई तीन मौतों के बाद आबकारी विभाग भी हरकत में आ गया। घटना की सूचना पाकर पहुंची आबकारी विभाग की टीम ने शुक्रवार को लतीफ नगर, कंजा खेड़ा, हरौनी और रामगढ़ी सहित आसपास के सरकारी देशी और अंग्रेजी शराब ठेकों की जांच शुरू कर दी। इसके अलावा सरोजनीनगर तहसीलदार ने भी मौके पर पहुंचकर इन सरकारी देशी और अंग्रेजी शराब ठेकों पर अपने स्तर से जांच पड़ताल की। उधर इस घटना को लेकर जिलाधिकारी ने भी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
बंथरा थाना क्षेत्र में तकरीबन चार वर्ष पहले मैनेजर खेड़ा में भी इसी तरह की घटना हो चुकी है। इस दौरान शराब पीने से चार लोगो की मौत हो गई थी। जिसके बाद कुछ दिन पुलिस व आबकारी विभाग सक्रिय रहा और इसके बाद फिर सांठ-गांठ से अवैध शराब का कारोबार कुटीर उद्योग के रूप में चलने लगा। इससे पहले भी 50 से अधिक लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का सही से निर्वहन नहीं करता, जिससे ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। खास बात यह है कि लोगों की मौत के बाद पुलिस, आबकारी विभाग और जिला प्रशासन एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाकर पल्ला झाड़ लेते हैं।










