गाजीपुर : गोवर्धन पूजन एवं अन्नकूट पर्व का आयोजन धूमधाम से किया गया सम्पन्न

भास्कर न्यूज गाजीपुर । जनपद में दीपोत्सव के पर्व दीपावली के पश्चात गोवर्धन पूजन एवं अन्नकूट पर्व का आयोजन बडे ही धूमधाम से सम्पन्न किया गया।अन्नकूट पर्व केत्योहार पर भगवान को 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं।गाजीपुर जनपद के मां कष्टहरणी धाम .मां कामाख्या धाम समेत हर प्रसिद्ध मंदिर मठ.आश्रम एवं गृहस्थ ने अपने घर पर ठाकुर जी को छप्पन भोग लगाया।

महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 श्री शिवराम दास जी महाराज ने बताया की अक्सर सवाल यह उठता है कि भगवान को 56 व्यंजनों का भोग ही क्यों लगाया जाता है और इन 56 व्यंजनों में कौन-कौन सी चीजें शामिल होती हैं।

आखिर भगवान को 56 भोग लगाने के पीछे कौन सी कहानी हैं और क्या होते हैं 56 भोग…..

पूज्य फलाहारी महाराज ने बताया की इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाया था तब उन्हें लगातार सात दिन भूखा रहना पड़ा था। इसके बाद उन्हें सात दिनों और आठ पहर के हिसाब से 56 व्यंजन खिलाए गए थे। माना जाता है तभी से ये ’56 भोग’ परम्परा की शुरुआत हुई। 

पूज्य फलाहारी बाबा ने इसके बारे में जानकारी देते हुवे कहा की गौ लोक में श्रीकृष्‍ण और राधा एक दिव्य कमल पर विराजते हैं। उस कमल की तीन परतों में 56 पंखुड़ियां होती हैं।प्रत्येक पंखुड़ी पर एक प्रमुख सखी और बीच में भगवान विराजते हैं। इसलिए 56 भोग लगाया जाता है।  

क्या है छप्पन भोग का गणित?-फलाहारी बाबा


कड़वा, तीखा, कसैला, अम्ल, नमकीन और मीठा ये छह रस या स्वाद होते हैं। इन छह रसों के मेल से अधिकतम 56 प्रकार के खाने योग्य व्यंजन बनाए जा सकते हैं। इसलिए 56 भोग का मतलब है वह सभी प्रकार का खाना जो हम भगवान को अर्पित कर सकते हैं।  56 भोग में शामिल व्यंजनों के नाम इस प्रकार हैं। 1.भक्त (भात),2. सूप (दाल),3 प्रलेह (चटनी),4 सदिका (कढ़ी),5 दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी),6 सिखरिणी (सिखरन),7 अवलेह (शरबत),8 बालका (बाटी) 9 इक्षु खेरिणी (मुरब्बा),10 त्रिकोण (शर्करा युक्त),11 बटक (बड़ा),12 मधु शीर्षक (मठरी),13) फेणिका (फेनी),14) परिष्टाश्च (पूरी),15) शतपत्र (खजला),16) सधिद्रक (घेवर)17) चक्राम (मालपुआ),18) चिल्डिका (चोला),19) सुधाकुंडलिका (जलेबी),20) धृतपूर (मेसू),21) वायुपूर (रसगुल्ला),22) चन्द्रकला (पगी हुई),23) दधि (महारायता),24) स्थूली (थूली)25. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी), 26. खंड मंडल (खुरमा), 27. गोधूम (दलिया), 28. परिखा, 29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त), 30. दधिरूप (बिलसारू), 31. मोदक (लड्डू), 32. शाक (साग) 33. सौधान (अधानौ अचार), 34. मंडका (मोठ), 35. पायस (खीर) 36. दधि (दही), 37. गोघृत, 38. हैयंगपीनम (मक्खन), 39. मंडूरी (मलाई), 40. कूपिका 41. पर्पट (पापड़), 42. शक्तिका (सीरा), 43. लसिका (लस्सी), 44. सुवत, 45. संघाय (मोहन), 46. सुफला (सुपारी), 47. सिता (इलायची), 48. फल,7. 49. तांबूल, 50. मोहन भोग, 51. लवण, 52. कषाय, 53. मधुर, 54. तिक्त, 55. कटु, 56. अम्ल.इत्यादि।@विकास राय

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