
कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है और इससे निजात पाने को लेकर की वैक्सीन के बन जाने की भी खबर आ रही है. माना जा रहा है कि जल्द ही पूरी दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाएगी. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर इसे लेकर अपनी चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने वैक्सीन को लेकर बड़ी बयान दिया है.
डब्ल्यूएचओ के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा कि भले ही दुनिया में कोई भी वैक्सीन बना ली जाए, लेकिन वह अकेले कोरोना की महामारी को नहीं रोक सकेगी. टेड्रोस ने कहा कि हमें वैक्सीन उन सारे तरीकों के साथ इस्तेमाल में लाई जाएगी, जिनका इस्तेमाल अभी हो रहा है लेकिन ऐसा नहीं है कि वैक्सीन में आने के बाद वो सभी ट्रीटमेंट सिस्टम रिप्लेस कर दिया जाए, जो कि अभी इस्तेमाल हो रहा है.
उन्होंने कोरोना वैक्सीन की सप्लाई चेन के बारे में भी बात की और कहा कि अगर वैक्सीन का निर्माण होता है तो शुरुआती तौर पर इसको हेल्थ वर्कर्स को दिया जाएगा. इसके बाद जनसंख्या के अन्य लोगों की प्रियॉरिटी तय की जाएगी. ये जरूर है कि वैक्सीन के आ जाने के बाद हम दुनिया में कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े को कम कर सकेंगे और हमारा हेल्थ सिस्टम बेहतर हो सकेगा.
टेड्रोस एडहानॉम ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैक्सीन के आ जाने के बावजूद संक्रमण फैलने की पर्याप्त संभावना रहेगी. डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा कि वैक्सीन के आ जाने के बाद भी लोगों की निगरानी करने, उनके टेस्ट करने, लक्षण पाए जाने पर उन्हें आइसोलेट करने की जरूरत होगी.
आपको बता दें कि कोरोना काल के करीब 8 महीने का वक्त बीत जाने के बाद अब दुनिया भर में वैक्सीन निर्माण की दिशा में सकारात्मक संकेत मिलने लगे हैं.
सोमवार को ही बायोटेक कंपनी मॉडर्ना की ओर कहा गया है कि कोरोना के खिलाफ तैयार की जा रही दवा बीमारी को रोकने में 94.5 फीसदी तक कारगर है. यह दावा क्लीनिकल ट्रायल के विश्लेषण के आधार पर किया जा रहा है. इससे पहले फाइजर की वैक्सीन ने भी इस महामारी के खिलाफ 90 फीसदी से ज्यादा प्रभाव दिखाया है. माना जा रहा है कि अमेरिका दिसंबर तक दो वैक्सीन को आपातकालीन मंजूरी दे सकता है. इसके साथ ही इस वर्ष के अंत (2020 के अंत) तक वैक्सीन के 6 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएंगे.
उधर, दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता फर्म सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि भारत को दिसंबर तक ब्रिटेन की दवा कंपनी ऐस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के 10 करोड़ डोज मिल सकते हैं. डब्ल्यूएचओ चीफ कुछ भी कहते रहे लेकिन अब कहा जा सकता है किआने वाले वक्त में पूरी दुनिया को कोरोना से राहत मिलने जा रही है.















