दैनिक भास्कर की खबर का असर – जीडीए उपाध्यक्ष ने लिया संज्ञान
गाजियाबाद। जीडीए के विज्ञापन एवं जनसम्पर्क विभाग की लापरवाही के कारण प्राधिकरण की पीएम आवासीय योजना के आवेदन फार्म में पायी गयी घोर अनियमितताये के बाद जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने संशोधन करने के आदेश जारी कर दिये है। इसके अलावा जीडीए उपाध्यक्ष ने मधुबन.बापूधाम में पीएम आवास योजना के तहत बन रहे फ्लैट के लिए आवेदन तिथि बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है। आपको बता दे कि दैनिक भास्कर ने 17 सितम्बर को शीर्षक प्रधानमंत्री आवासीय योजना के ब्रोशर में घोर लापरवाही के तहत जीडीए के विज्ञापन एवं जनसम्पर्क विभाग की इस लापरवाही को उजागर किया था।
इस खबर के बाद जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने इस पूरे मामले की तह तक जाने के बाद आवेदन पत्रो में शर्तो व केाटा में संशोधन कर आरक्षण व्यवस्था को लेकर आवेदन फॉर्म में संशोधन करने के आदेश दे दिए हैं। मधुबन बापूधाम मैं पीएम आवास योजना के तहत 853 फ्लैट का निर्माण कार्य चल रहा है। 21 अगस्त को जीडीए ने आवेदन फार्म जारी किए थे। तीन लाख तक पारिवारिक आय वाले व्यक्तियों को इस में आवेदन का अवसर दिया गया था। इन फार्मो के जमा करने की अन्तिम तिथि 20 सितंबर तय की गयी थी।
इस बीच जैसे.जैसे आवेदन फार्म लोगों के हाथों में आ गये वैसे.वैसे नियम.शर्तों की खामियां सामने आने लगी। आवेदन फार्म के ब्रॉशर में दिव्यांगों का कोटा पांच के बजाय तीन फीसद दर्ज किया गया। विधवाए एकल महिला और किन्नरों का कोटा हटा दिया गया था। सांसद और विधायको का कोटा दे दिया गया जो गलत है। पडताल के बाद पता चला है कि विज्ञापन व जनसम्पर्क विभाग के करामाती अधिकारियो ने पुराने ब्राॅशर की शर्तो की काॅपी कर पीएम आवासीय योजना के ब्राॅशर में बिना किसी पडताल के शर्तो को जोड दिया था। इस मामले में जीडीए वीसी ने बताया कि 11 जुलाई को जारी शासनादेश के अनुसार आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी गई है।
आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है। 853 फ्लैट की योजना के लिए एक महीने में बैंकों से सात हजार फार्म बिक लेकिन उनमें से 833 ही जमा हुए है । इस पूरे मामले में विज्ञापन प्रभारी अमरदीप सहायक विज्ञापन प्रभारी राकेश शुक्ला और वाईपी सिंह का नाम सामने आया है। पडताल के बाद पता चला है कि विज्ञापन प्रभारी अमरदीप की जीडीए में अभियंता के रूप् में तैनाती है , इसके बावजूद उन्हे जीडीए में विज्ञापन एवं जनसम्पर्क का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। कायदे में उन्हे यह जिम्मेदारी नही देनी चाहिए थी । कायदे कानूनेा को ताक पर रखकर उन्हे यह प्रभार देना चर्चा का विषय बना हुआ है।
यह विभाग मलाई दार विभागो में माना जाता है। इसके अलावा दोनो सहायक विज्ञापन प्रभारी राकेश शुक्ला और वाईपीसिंह भी पिछले लगभग 15 सालो से जीडीए के इस विभाग में अंगद का पैर जमाये बैठे है। आजतक इन दोनो कर्मियो का तबादला इस विभाग से नही हुआ है। जबकि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी व्यकित को एक पद पर इतने वर्षो तक जमे रहने के पक्ष में नही है।तीन साल बाद दूसरे विभाग में तबादला हो जाना चाहिए । साफ जाहिर है कि राजनैतिक पहुच के कारण तमाम शासनादेश इन लोगो के सामने बोने साबित हो गये है।