
आतंकियों की जन्मभूमि के नाम से कुख्यात पकिस्तान आये दिन अपनी नापाक ज़मीन से बड़े-बड़े खूंखार आतंकी पैदा करता है. इस बात की शाक्षी पूरी दुनिया है. अमेरिका का 9/11 और भारत का 26/11 हमला, इस देश के तार इन आतंकी वारदातों से जुड़े. आज पकिस्तान से जुड़ी एक ऐसी खबर बताते जा रहे हैं, जिससे आपको ये पता चल जायेगा कि पकिस्तान के इन जिहादियों को आतंकी शिक्षा मिलती कहां से है. तो आपको बता दें पाकिस्तान में कई शिक्षा देने वाली संस्थान ऐसी भी हैं. जो उग्रवाद और कट्टरपंथियों को 72 हूरों का सपना दिखा कर उन्हें आतंकवाद के लिए बढ़ावा देते हैं. ऐसे ही संस्थानों से निकले छात्र आतंकवाद का कारण बनते हैं. तो ऐसी ही एक संसथान खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर से लगभग 60 किलोमीटर दूर अकोरा खट्टक में दारुल उलूम हक्कानिया नाम का एक मदरसा है, जिसे पाकिस्तान में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ कहा जाता है.
आपको बता दें कि दारुल उलूम हक्कानिया कि इस यूनिवर्सिटी को सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है. इस मदरसे के पाकिस्तान की लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों और धार्मिक गुटों के साथ काफी अच्छे संबंध हैं. कुछ चरमपंथी और आत्मघाती हमलावर भी इस मदरसे से जुड़े नज़र आए हैं. जिसने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या को अंजाम दिया था. वो भी इसी मदरसे से पढ़ कर निकला है. मदरसे में 4 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं. जिसमें कई अफगान शरणार्थी भी हैं. यहां पढ़ने वालों को मुफ्त में रहना और खाना उपलब्ध कराया जाता है.
इस मदरसे के नेताओं ने तालिबान आतंकियों का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिस पर अफगानिस्तान सरकार ने कड़ा एतराज जताया था. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने कहा था कि ये संस्थाएं कट्टरपंथी जिहाद को जन्म देती हैं, आतंकी पैदा करती हैं. हालांकि, मदरसा अपने ऊपर लगे इन आरोपों को हमेशा से ही खारिज करता रहा है.















