मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित नगला केहरी


घिरोर/मैनपुरी- थाना क्षेत्र घिरोर के ग्राम नगला केहरी के वाशिंदे आजादी के 73 वर्षों के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। एक ओर प्रधान का विकास चरम सीमा पर है। वहीं ग्रामीणों के निकलने के लिए केवल ओर केवल कच्चा, कीचड़ युक्त रास्ता है। शौचालय अधूरे पड़े है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। कल जिस डेरा बंजारा में आग लगी है वहां अधिकांश लोग झोपड़ी व कच्चे मकानों में रहते हंै।

प्रधान से कई बार कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डेरा बंजारा निवासी भूरे खां ने बताया कि पहले भी कई बार झोपड़ियों में आग लग चुकी है। जिसमे कई पशुओं की मौत भी हो चुकी है। काफी सामान जलकर राख हो चुका है। बरसात में कच्ची कीचड़ युक्त गलियों से निकलना पड़ता है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। डेरा बंजारा के ग्रामीणों ने मीडिया के सामने आकर आवास व सड़के बनाये जाने की माँग को लेकर प्रदर्शन  किया है। प्रदर्शन करने वालो में शेरवानी, भूरे खां, अमर सिंह, रूपा रानी, अजमेरी, जीमल आदि मौजूद रहे।


ग्रामीण अलका सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा केवल ओर केवल अपने स्कूल व मैरिज होम की तरफ ही विकास कराया गया है। ग्रामीणों के हितों की कोई चिंता नही है। हम लोगों के साथ प्रधान व उसके सहयोगियों द्वारा दोयम दर्जे के नागरिकों की भाँति व्यवहार किया जाता है। गलियों में जो गंदगी है उसको देखकर आपको गाँव की स्थित स्वयं् नजर आ रही होगी।


सरोजनी देवी ने बताया कि गाँव में सर्वाधिक गंन्दे पानी के जलभराव की समस्या है। जिसको लेकर कई बार प्रधान से कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। जबकि सड़क के पास ही सरकारी तालाब है। जिसमंे गंदे पानी की निकासी हो सकती है। जब जनता के विकास की मंशा ही नहीं है तो क्या कहा जा सकता है।


गाँव मंे आधे अधूरे पड़े है शौचालय
गाँव मंे आज भी कई लोगांे के शौचालय अधूरे पड़े हंै। ग्रामीण कायम सिंह ने बताया कि शौचालय की एक किस्त तो आ गयी लेकिन एक किस्त न आने के कारण शौचालय अभी नहीं बन सका है। खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

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